कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए देहरादून की जिला जेल सुद्धोवाला से 120 विचाराधीन और सजायाफ्जा कैदियों को पैरोल पर रिहा किया जाएगा। इन कैदियों को छह माह के लिए रिहा किया जाएगा। कैदियों को जेल से घर पहुंचाने की जिम्मेदारी जिला प्रशासन की होगी। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव नेहा कुशवाहा ने बताया कि 26 मार्च को जस्टिस सुधांशु धूलिया की अध्यक्षता वाली समिति ने उत्तराखंड की सभी जेलों से ऐसे कैदियों का ब्यौरा मांगा था, जिन्हें पैरोल पर रिहा किया जा सकता है।
प्रदेश के सभी 855 कैदियों की सूची समिति को सौंपी थी। इनमें से 36 कैदी बीमार थे। जिनका पूर्ण रूप से इलाज करने के आदेश भी समिति ने दिए हैं।
120 कैदियों की सूची समिति को दी गई
इसी क्रम में जिला जेल सुद्धोवाला से भी 120 कैदियों की सूची समिति को दी गई थी। यह सभी कैदी 07 साल से कम सजा वाले अपराधों में विचाराधीन है या सजा काट रहे हैं।
जिला जेल सुद्धोवाला में दो कैदी साधारण सर्दी खांसी से पीड़ित थे, जिनकी मेडिकल हिस्ट्री को देखते हुए उनमें कोई गंभीर बात नजर नहीं आई है। कैदियों के पिछले 06 महीने का रिकॉर्ड भी देखा जा रहा है कि उनसे कोई बाहर से मिलने तो नहीं आया है।
मसलन संक्रमित जगहों से इन सभी कैदियों को 06 महीने के लिए पैरोल पर रिहा किया जाएगा।
गोपेश्वर: छह माह के पैरोल पर छोड़े जाएंगे पुरसाड़ी जेल से 15 कैदी
सरकार के आदेश पर चमोली के पुरसाड़ी कारागार से 15 विचाराधीन कैदियों को छह माह के पैरोल पर छोड़ने का निर्णय लिया गया है। शनिवार को दो विचाराधीन कैदी छोड़ दिए जाएंगे। जबकि 13 कैदियों की रिहाई के लिए कारागार प्रशासन ने कारागार मुख्यालय को रिपोर्ट भेज दी है।
पुरसाड़ी कारागार के जेलर प्रमोद कुमार पांडे ने बताया कि पुरसाड़ी कारागार में मौजूदा समय में 37 कैदी और 52 विचाराधीन कैदी हैं। कोरोना वायरस संक्रमण को देखते हुए उन विचाराधीन कैदियों की छह माह तक पैरोल पर रिहाई की जा रही है, जिनकी सजा सात साल तक ही है। मेडिकल चेकअप के बाद कैदियों को रिहा किया जाएगा।