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उत्तराखण्ड: भाजपा ने पहली सूची में इन महिला उम्मीदवारों पर लगाया दांव

देहरादून, 20 जनवरी 2022: देवभूमि उत्तराखण्ड में विधानसभा चुनाव के महासमर में सत्तारूढ़ दल भाजपा ने जिन 59 सीटों पर उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है, उनमें छह महिलाएं भी शामिल हैं। देहरादून की कैंट विधानसभा सीट से आठ बार विधायक रहे स्व. हरबंस कपूर की पत्नी सविता कपूर को टिकट दिया है। वह क्षेत्र में काफी सक्रिय हैं। हरबंस कपूर का नाम उत्तराखण्ड की राजनीति में बेहद अहम माना जाता रहा है। कपूर उत्तराखण्ड के साथ-साथ यूपी विधानसभा में विधायक रह चुके थे। उन्होंने पहला विधानसभा चुनाव 1985 को कांग्रेस के हीरा सिंह बिष्ट के खिलाफ लड़ा था, लेकिन वह हार गए थे। 1989 में दोबारा चुनाव में कपूर ने बिष्ट को हरा दिया था और उसके बाद कपूर ने कभी भी पीछे मुड़ कर नहीं देखा और जनता का भरोसा जीतने में कामयाब रहे।

खानपुर सीट से भाजपा ने कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन को टिकट न देकर उनकी पत्नी कुंवरानी देवयानी को मैदान में उतारा है। वर्तमान में चैंपियन इसी सीट पर विधायक हैं। कुंवरानी देवयानी तीन बार जिला पंचायत सदस्य रह चुकी हैं। वह काफी पहले से ही राजनीतिक और सामाजिक क्षेत्र में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेती रही हैं। खानपुर विधानसभा सीट के अस्तित्व में आने के बाद से दो बार विधानसभा चुनाव हुए हैं, जिसमें 2012 में कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन ने इस सीट पर कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा था और जीत हासिल की। इसके बाद वे भाजपा में शामिल हो गए थे और साल 2017 में हुए चुनाव में उन्होंने भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ा और जीत हासिल की थी। कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन ने पत्नी को टिकट मिलने पर पार्टी नेतृत्व का आभार जताया है।

वहीं उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री भुवन चंद खंडूड़ी की बेटी और सिटिंग विधायक रितु खंडूड़ी को इस बार टिकट नहीं दिया गया है। पार्टी ने उनकी जगह यमकेश्वर विधानसभा सीट से रेणु बिष्ट को टिकट दिया है। रितु खंडूरी ने कहा कि पांच वर्ष तक उन्होंने यमकेश्वर विधानसभा क्षेत्र में एक सजग जनप्रतिनिधि की तरह कार्य किया है। भाजपा महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष बनाकर संगठन ने उन पर भरोसा जताया था। वह अपने पांच वर्ष के कार्यकाल से पूरी तरह से संतुष्ट हैं। इस बार संगठन ने उन्हें टिकट न देने का जो निर्णय किया है, सोच समझ कर ही किया होगा। उन्होंने अन्य किसी विधानसभा से चुनाव नहीं लड़ने की भी बात कही।

पिथौरागढ़ से चन्द्रा पंत एक बार फिर पार्टी उम्मीदवार बनायी गई हैं। विधायक के तौर पर उन्होंने अपने विधानसभा क्षेत्र में काफी काम करने का दावा किया है। चन्द्रा पंत पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री स्व. प्रकाश पंत की पत्नी हैं। प्रकाश पंत के निधन के बाद विधानसभा उप चुनाव में पार्टी ने उन्हें उम्मीदवार बनाया था।

इसी तरह सोमेश्वर सुरक्षित सीट से एक बार फिर रेखा आर्य पर पार्टी ने भरोसा जताया है। उनका नाम पहले से ही तय माना जा रहा था। रेखा आर्य की सोमेश्वर से सियासी पारी का आगाज 2003 में हुआ था, जब वह पहली बार जिला पंचायत सदस्य बनी। इसके बाद वर्ष 2012 में उन्होंने यहां से विधानसभा चुनाव लड़ा और निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर दूसरे पायदान पर रहीं। उसके बाद वह कांग्रेस में शामिल हो गईं। वर्ष 2014 में सोमेश्वर विधानसभा से रेखा आर्य ने कांग्रेस के टिकट पर उपचुनाव लड़ा और जीत दर्ज की। इसके बाद 2017 में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले रेखा आर्य ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण की और पार्टी के टिकट पर विधानसभा पहुंची। उन्हें मंत्री पद भी मिला।

वहीं हाल ही में कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हुईं कांग्रेस की पूर्व प्रदेश महिला अध्यक्ष सरिता आर्य को पार्टी ने नैनीताल सुरक्षित सीट से उम्मीदवार बनाया है। सरिता आर्य ने टिकट न मिलने से नाराज होकर कांग्रेस छोड़ने का ऐलान किया था। उन्होंने कांग्रेस पर महिलाओं को दरकिनार करने का आरोप लगााने के साथ प्रियंका गांधी का नारा “मैं लड़की हूं, लड़ सकती हूं” को खोखला बताया था। सरिता आर्य के कांग्रेस छोड़ने के बाद से ही तय माना जा रहा था कि भाजपा उन्हें अपना उम्मीदवार बनाएगी।

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