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Uttarakhand : बजट में दिखाया विकास के साथ चुनाव साधने का दम

गोपाल सिंह पोखरिया, देहरादून

उत्तराखंड की पुष्कर सिंह धामी सरकार के तीसरे बजट में उत्तराखंड के तेज विकास के साथ ही आगामी लोकसभा चुनाव में उत्तराखंड की सभी पांच सीटों को जीतने का भी दम दिखा। सरकार ने इस बजट में प्रदेश के हर तबके के विकास के लिए कोशिश तो दिखी, साथ ही सरकार के बजट में यह भी देखा गया कि समाज का कोई भी वर्ग उसकी योजनाओं से अलग न रहे। उत्तराखंड को आगामी कुछ वर्षों के भीतर विकसित बनाने के संकल्प की सिद्धि के केन्द्र में ढांचागत विकास और बहुआयामी गरीबी से निपटने के साथ ही आमजन विशेष रूप से गरीब एवं वंचित वर्गों के उत्थान पर धामी सरकार का पूरा जोर रहने वाला है। उत्तराखंड की धामी सरकार ने ज्ञान (जीवाईएएन) यानी गरीब, युवा, अन्नदाता, नारीशक्ति पर केन्द्रित बजट में इन वर्गों की प्रगति के लिए एक रोड मैप दिया है। केन्द्र की प्राथमिकताओं को आधार बनाते हुए विकास पथ पर अग्रसर उत्तराखंड के धामी बजट में डबल इंजन की दौड़ दिखी, तो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की गारंटी भी। अपने तीन वर्ष के कार्यकाल, विशेष रूप से बतौर मुख्यमंत्री दूसरे कार्यकाल में कई महत्वपूर्ण निर्णयों को लेकर स्वयं की एक अलग छवि बनाने वाले धामी ने बजट में समाज के हर वर्ग को लुभाने की कोशिश की। भाजपा हाईकमान ने जुलाई 2021 में महज चार महीने पहले त्रिवेंद्र सिंह रावत के स्थान पर मुख्यमंत्री बनाए गए तीरथ सिंह रावत को हटाकर केवल दूसरी बार के विधायक पुष्कर सिंह धामी को सरकार की बागडोर सौंप चौंकाने वाला फैसला लिया। राज्य के अब तक के सबसे युवा मुख्यमंत्री धामी ने नेतृत्व के भरोसे का मान रखा और वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में दो तिहाई बहुमत के साथ कांग्रेस को चित कर दिया। हर विधानसभा चुनाव में सत्ता बदलने का मिथक तोड़ने वाले धामी भले ही स्वयं पराजित हो गए, लेकिन भाजपा नेतृत्व का विश्वास बनाए रखने में जरूर सफल रहे। इसीलिए पार्टी ने दूसरी बार भी उन्हें ही मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी सौंपी। चंपावत से उपचुनाव लड़ धामी रिकार्ड मत हासिल कर विधायक बने, जिसने स्वाभाविक रूप से उनके आत्मविश्वास में भी बढ़ोतरी की।

अपने दूसरे कार्यकाल के दूसरे वर्ष के अंतिम चरण में अब मुख्यमंत्री धामी के समक्ष चुनौती लोकसभा चुनाव के रूप में है। चुनौती इसलिए भी बड़ी है, क्योंकि भाजपा का लक्ष्य न केवल लगातार तीसरी बार पांचों सीटों पर जीत दर्ज करना है, बल्कि जीत के अंतर को भी बढ़ाना है। इस परिप्रेक्ष्य में देखें तो नए वित्तीय वर्ष के लिए प्रस्तुत बजट में सरकार ने समाज के हर वर्ग को साधने की पहल कर दी है। इस कड़ी में अलग-अलग आकलन करें तो गरीब कल्याण के अंतर्गत आवास, खाद्यान्न आपूर्ति और निशुल्क ईंधन गैस के लिए महत्वपूर्ण प्रावधान बजट का हिस्सा हैं। युवा हितों के संरक्षण के लिए बजट में रोजगार सृजन का ध्यान रखा गया है। उच्च व तकनीकी शिक्षा को बजट में प्राथमिकता दी गई है। साथ ही मुख्यमंत्री अल्पसंख्यक मेधावी बालिका प्रोत्साहन योजना के लिए बजट में धन की व्यवस्था की गई है। इस वर्ष उत्तराखंड में राष्ट्रीय खेलों का आयोजन होना है, इसके लिए सरकार ने 250 करोड़ रुपये की धनराशि की व्यवस्था बजट में रखी है। इसी तरह अन्नदाता यानि किसानों के लिए पिछली बार की तुलना में बजट राशि बढ़ाई गई है। दीनदयाल उपाध्याय सहकारिता किसान कल्याण योजना, मिशन एप्पल, किसान पेंशन, मुख्यमंत्री मत्स्य संपदा योजना पर सरकार का फोकस है। नारीशक्ति यानि महिला सशक्तीकरण की जिन योजनाओं के लिए बजट में प्रावधान किए गए हैं, उनमें मुख्य हैं नंदा गौरा, मुख्यमंत्री महालक्ष्मी योजना, मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना व गंगा गाय महिला डेयरी विकास योजना। यही नहीं, चालू वित्तीय वर्ष में उत्तराखंड ने केन्द्र के सहयोग से अनेक उपलब्धियां भी हासिल की हैं। चारधाम आल वेदर रोड परियोजना लगभग आकार ले चुकी है तो ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना गेम चेंजर साबित होगी। इसी क्रम में केन्द्र ने हाल में ही बहुप्रतीक्षित जमरानी बांध परियोजना को स्वीकृति दी है। इसके साथ ही तमाम सड़कों की योजनाएं भी राज्य को मिली हैं। जी-20 की बैठकों का उत्तराखंड में सफल आयोजन होने से राज्य की वैश्विक स्तर पर ब्रांडिंग हुई है। पर्यटन व तीर्थाटन की दृष्टि से कई महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं। साथ ही धामी सरकार ने उत्तराखंड को वर्ष 2025 तक देश के श्रेष्ठ राज्यों की श्रेणी में लाने का संकल्प लिया है। इस क्रम में सरकार 30 से अधिक नीतियां लेकर आई हैं। बजट में भी इनका बखूबी उल्लेख हुआ है। इन सब कवायद से धामी सरकार ने एक प्रकार से जनता के अंतर्मन को छूने का भी प्रयास किया है।

वित्तीय वर्ष 2024-25 के बजट में प्रदेश सरकार ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी यानी नमो के इसी विजन के साथ विकास पथ पर आगे बढ़ने की अपनी मंशा स्पष्ट कर दी है। डबल इंजन के बल पर उत्तराखंड में विकास की नई पटकथा लिखने का रास्ता साफ हुआ है। ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेललाइन, चारधाम आलवेदर रोड, भारतमाला, व्राइबेंट विलेज जैसी केन्द्र की मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं से प्रदेश को नया संबल मिला है। केन्द्र से मिलने वाली सहायता और केन्द्रपोषित योजनाएं ही विषम भौगोलिक परिस्थितियों वाले इस प्रदेश में विकास की अनिवार्य आवश्यकता बनी हुई हैं। इस सहायता के बल पर ही वित्तीय वर्ष 2024-25 के बजट में अवस्थापना कार्यों के लिए पूंजीगत मद में 13779.67 करोड़ की राशि रखी गई है। यह राशि वित्तीय वर्ष 2023-24 की तुलना में 635 करोड़ रुपये अधिक है। पूंजीगत मद की इस राशि से ग्रामीण और शहरी विकास पर क्रमश: 1499 करोड़ और 613 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। लोक निर्माण विभाग के निर्माण कार्यों की मद में 1404 करोड़ की राशि खर्च की जाएगी। ग्रामीण क्षेत्रों में सड़कों का जाल बिछाने के लिए पीएमजीएसवाइ के अंतर्गत 1000 करोड़ रुपये व्यय होंगे। पर्यटन, आवास विकास, सड़कों के रखरखाव व मरम्मत, अनुसूचित जाति बहुल क्षेत्रों के विकास के लिए भी धन की व्यवस्था की गई है। पूंजीगत मद के बजट के सदुपयोग में इस बार केन्द्र सरकार ने भी बड़ी पहल की। केन्द्र के निर्देश और अतिरिक्त केन्द्रीय सहायता का लाभ लेने की शर्त के बाद धामी सरकार वित्तीय वर्ष 2023-24 में पहली छमाही में पूंजीगत बजट खर्च में रिकार्ड बना चुकी है। इसका प्रभाव विकास और निर्माण कार्यों में तेजी से दिखाई दे रहा है। धामी सरकार ने नमो विजन के अनुरूप ही अंत्योदय के उत्थान को प्राथमिकता देते हुए लगातार तीसरे वर्ष समाज कल्याण की पेंशन राशि में वृद्धि की। नए वित्तीय वर्ष में इस मद में 1783 करोड़ रुपये रखे गए हैं। यद्यपि, गैर विकास मदों के रूप में वेतन-भत्तों, पेंशन, ब्याज, ऋण के रूप में खर्च का बोझ लगातार बढ़ रहा है। इन मदों में 52409 करोड़ रुपये नए वित्तीय वर्ष में खर्च होंगे। विकास और निर्माण कार्यों के लिए मात्र 10.41 प्रतिशत ही बजट बच रहा है।

युवाओं, महिलाओं और किसानों के लिए खोला खजाना

पुष्कर सिंह धामी सरकार ने गरीबों, युवाओं, महिलाओं और किसानों समेत विभिन्न वर्गों को राहत देने के साथ अवस्थापना विकास के लिए बजट पोटली खोल दी। नए वित्तीय वर्ष 2024-25 में रोजगार और आर्थिक विकास की दृष्टि से महत्वपूर्ण पर्यटन क्षेत्र के विकास एवं अवस्थापना सुविधा निर्माण के लिए 100 करोड़ रुपये दिए गए हैं। कुमाऊं मंडल में मानसखंड माला मिशन के अंतर्गत मंदिरों में अवस्थापना सुविधाओं के विकास को 50 करोड़ व नए पर्यटन स्थलों के विकास को 25 करोड़ की व्यवस्था की गई है। ग्रामीण क्षेत्रों में सड़कों का जाल बिछाने की तैयारी है। इसके लिए पीएमजीएसवाइ में 1000 करोड़ की राशि दी गई है। समस्त चिन्हित असुरक्षित पुलों और नदी के ऊपर आवागमन के लिए संचालित असुरक्षित ट्रालियों से मुक्ति दिलाई जाएगी। सभी 7797 ग्राम पंचायतों में पंचायत भवनों का निर्माण किया जाएगा।

उत्तराखंड राज्य गठन के 24वें वर्ष में विधानसभा में बजट प्रस्तुत करने की व्यवस्था में पहली बार परिवर्तन हुआ। वित्तमंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए 89230.07 करोड़ रुपये का बजट प्रस्तुत किया। नया बजट राजस्व सरप्लस एवं कर मुक्त है। इसमें राजस्व व्यय 55815.77 करोड़, पूंजीगत व्यय 33414.30 करोड़ रुपये संभावित है। इसमें 4737.13 करोड़ का राजस्व सरप्लस और 9416.43 करोड़ का राजकोषीय घाटा होने का अनुमान है। यह राजकोषीय घाटा सकल राज्य घरेलू उत्पाद का 2.38 प्रतिशत है। वित्तमंत्री ने बताया कि राजकोषीय घाटा एफआरबीएम एक्ट की सीमा के अंतर्गत है। लोकसभा चुनाव से पहले प्रस्तुत नए बजट में इन चारों वर्गों के कल्याण को प्राथमिकता देते हुए 9181 करोड़ की बड़ी राशि रखी है। सरकार की इस पहल का बड़ा लाभ यह होगा कि जरूरतमंदों के लिए संबंधित विभाग लक्ष्यबद्ध होकर कार्य कर सकेंगे। शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के विकास के लिए बजट पोटली में इस बार अधिक राशि मिली है। अवसंरचना विकास और पर्यटन विकास अब सरकार की शीर्ष प्राथमिकता बन चुका है। उत्तराखंड में स्वास्थ्य एवं शिक्षा की गुणवत्ता और दूरस्थ क्षेत्रों तक पहुंच चुनौती रही है। इससे निपटने के लिए 15376 करोड़ की बजट राशि देकर सरकार ने सतत विकास के अपने लक्ष्य को पूरा करने की ओर मजबूत कदम बढ़ाए हैं। विकास और पारिस्थितिकीय तंत्र के साथ समन्वय के दृष्टिकोण के साथ योजनाओं के लिए वित्तीय प्रावधान किया गया है। सरकारी कार्यप्रणाली को बेहतर बनाने और राजस्व वृद्धि में नवाचार को भी प्रोत्साहित किया गया है। बजट में विभिन्न विभागों में नवाचार की योजनाओं के लिए लगभग 150 करोड़ की राशि की व्यवस्था की गई है।

समावेशी, संतुलित और विकासोन्मुखी बजट : धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विधानसभा में प्रस्तुत बजट को समग्र, समावेशी, संतुलित और विकासोन्मुखी बताया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विकसित भारत के चार स्तंभ गरीब, युवा, महिला और किसान बताए हैं और हमारी सरकार द्वारा प्रस्तुत बजट इन्हीं को समर्पित है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने वर्ष 2024-25 के लिए 89,230 करोड़ रुपये का बजट प्रस्तुत किया, जो पिछले वर्ष से 15.27 प्रतिशत अधिक है। उत्तराखंड के लिए हमारी सरकार विकल्प रहित संकल्प के साथ काम कर रही है। औद्योगिक विकास और रोजगार को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने 30 से अधिक नीतियां बनाई हैं और इसके सकारात्मक प्रभाव देखने को मिल रहे हैं। उत्तराखंड की आर्थिक विकास की दर वर्ष 2022-23 में 7.63 प्रतिशत रही है, जो राष्ट्रीय औसत से अधिक है। वर्ष 2023-24 में भी लगभग यही दर अनुमानित है। प्रति व्यक्ति आय में 12 प्रतिशत वृद्धि हुई है। वर्ष 2023-24 में प्रति व्यक्ति आय 2,60201 रुपये रही। नीति आयोग द्वारा जारी बहुआयामी गरीबी सूचकांक के अनुसार प्रदेश के 9,17299 लोग गरीबी रेखा से बाहर आए हैं। गरीबों के कल्याण के लिए बजट में 5658 करोड़ का प्राविधान किया गया है। इसमें गरीबों के आवास के लिए 93 करोड़, खाद्यान्न आपूर्ति को 600 करोड़ और नि:शुल्क गैस रीफिल को 55 करोड़ की राशि शामिल है। युवा कल्याण, तकनीकी शिक्षा और उच्च शिक्षा में कुल 1679 करोड़ रुपए का प्रावधान है। इसमें राष्ट्रीय खेलों के आयोजन के लिए 250 करोड़ भी शामिल हैं। मुख्यमंत्री अल्पसंख्यक मेधावी बालिका प्रोत्साहन योजना के लिए भी बजट में प्रावधान किया गया है। युवाओं के लिए रोजगार के अवसर सृजित करने पर ध्यान दिया गया है। किसानों के लिए बजट राशि को बढ़ाया गया है। वर्ष 2024-25 में कुल 2415 करोड़ का प्रावधान रखा गया है। जेंडर बजट में लगभग 14,538 करोड़ का प्रविधान है। नंदा गौरा, मुख्यमंत्री महालक्ष्मी योजना, मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना, गंगा गाय महिला डेयरी विकास योजना आदि के लिए प्रावधान किए गए हैं।

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