देहरादून: कोविड-19 के कारण उत्तराखंड में लगभग ढाई महीने से बंद पड़े पर्यटन उद्योग और धार्मिक गतिविधियों को शुरू करने का रास्ता साफ हो गया है। केंद्र सरकार ने आठ जून से पर्यटन और तीर्थाटन गतिविधियों के लिए रियायत दी है।
इससे चारधाम यात्रा भी पटरी पर लौटेगी। चारधाम यात्रा को लेकर सरकार की तैयारी पूरी है। केंद्र की एसओपी मिलने के बाद आठ जून से सरकार चरणबद्ध तरीके से गतिविधियों को शुरू करेगी।
केंद्र सरकार की ओर से लॉकडाउन 5.0(अनलॉक-1) के पहले फेज में आठ जून से धार्मिक स्थलों, होटल रेस्टोरेंट, आतिथ्य सेवाएं, शॉपिंग मॉल खोलने की अनुमति दी है। कोरोना महामारी के कारण प्रदेश में मार्च के दूसरे सप्ताह से पर्यटन और धार्मिक गतिविधियां पूर्ण रूप से बंद है। जिससे पर्यटन उद्योग को करोड़ों रुपये का नुकसान हो चुका है।
12 हजार करोड़ का होता है कारोबार
अब केंद्र की ओर से पर्यटन उद्योग और तीर्थाटन को रियायतें देने से पर्यटन व्यवसायियों ने राहत की सांस ली है। पर्यटन ही प्रदेश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। छह माह चलने वाली चारधाम यात्रा से करीब 12 हजार करोड़ का कारोबार होता है।
प्रदेश सरकार की ओर से पर्यटन और तीर्थाटन गतिविधियों को खोलने के लिए केंद्र को प्रस्ताव भेजा गया था। वहीं, सरकार और पर्यटन विभाग ने चारधाम यात्रा शुरू करने के लिए तैयारी कर रखी है। केंद्र की एसओपी आने के बाद प्रदेश सरकार चारधाम यात्रा पर फैसला लेगी।
बंद पर्यटन उद्योग को मिलेगी सांस
प्रदेश में 3439 होटल, 20 हजार रेस्टोरेंट, होटल स्थापित हैं। वहीं, 600 से अधिक साहसिक गतिविधियों से जुड़े व्यवसायी हैं। प्रदेश में करीब एक लाख लोग पर्यटन व्यवसाय से जुड़े हैं। चारधाम यात्रा व अन्य पर्यटन गतिविधियां शुरू होने से इन बंद पड़े उद्योगों को सांस मिलेगी।
अनलॉक-1 को लेकर केंद्र की गाइडलाइन का पालन किया जाएगा। केंद्र की रियायतों का प्रदेश को लाभ मिलेगा। चारधाम यात्रा और पर्यटन गतिविधियों को शुरू करने के लिए सरकार की तैयारी पूरी है। केंद्र की एसओपी मिलने के बाद प्रदेश में चरणबद्ध तरीके से चारधाम यात्रा व अन्य पर्यटन गतिविधियों को शुरू किया जाएगा।
- मदन कौशिक, शासकीय प्रवक्ता, उत्तराखंड