उत्तराखंड

उत्तराखंड विस बजट सत्र: राज्यपाल ने गिनाईं सरकार की प्राथमिकताएं, जय हिन्द से संभाषण की शुरूआत और जय उत्तराखंड से किया समापन

देहरादून: उत्तराखंड राज्य की पंचम विधानसभा के बजट सत्र में राज्यपाल ने अपना अभिभाषण प्रस्तुत किया और सरकार की प्राथमिकताएं गिनाईं। राज्यपाल ने भराड़ीसैंण के गैरसैंण (चमोली) में शुरू हुए विधानसभा के प्रथम बजट सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि पंचम विधानसभा के वर्ष 2023 के बजट में हम आगामी वित्तीय वर्ष में जन आकांक्षाओं के अनुरूप नई ऊंचाइयां प्राप्त करेंगे।

राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विश्व पटल पर 21वीं शताब्दी के तीसरे दशक को उत्तराखंड का दशक बताते हुए कहा था कि राष्ट्र की पांच ट्रीलियन अर्थ व्यवस्था के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए राज्य सरकार के 25 वर्ष पूरे होने तक पूंजीगत व्यय में वृद्धि दर के साथ आगामी पांच वर्षों में जीएसटी को दोगुना किया जाएगा।

राज्यपाल सदन में जैसे ही अपना अभिभाषण देने के लिए खड़े हुए तो विपक्षी दलों के विधायकों ने जमकर हंगामा शुरू कर दिया। राज्यपाल का अपने अभिभाषण की शुरूआत जयहिन्द से करने और जय उत्तराखंड के साथ इसका समापन करने से यह स्पष्ट है कि राज्यपाल उत्तराखंड को विशेष महत्व दे रहे हैं। इस दौरान राज्यपाल ने विपक्षी दलों से आग्रह किया कि वह उनके संभाषण को सुनें। इस पर विधायक कुछ देर के लिए तो चुप हो गए, लेकिन इसके बाद हंगामा फिर शुरू हो गया। उन्होंने विपक्ष के भारी हंगामे के बाद अपने अभिभाषण का प्रथम और अंतिम पृष्ठ का वाचन किया।

राज्यपाल ने अपने अभिभाषण में राज्य योजना आयोग को युक्ति संगतीकरण करके केंद्रीय नीति आयोग की तर्ज पर उत्तराखंड में स्टेट इंस्टीट्यूट फॉर इम्पावरिंग एण्ड ट्रांसफर्मिंग उत्तराखंड का स्वरूप प्रदान करने की बात कही। उन्होंने अपने 16 पृष्ठीय संबोधन में प्रदेश में राज्य सरकार जनता के द्वार की चर्चा करते हुए कहा कि हमारा संकल्प भयमुक्त समाज, हमारा संकल्प अनुशासित प्रदेश का है।

उन्होंने जनसमस्याओं के सरलीकरण समाधान निस्तारण अनुश्रवण की प्रभावी कार्यवाही की चर्चा करते हुए कहा कि वित्त विभाग के अंतर्गत राज्य कर विभाग ने बिल लाओ इनाम पाओ योजना लागू की है। उन्होंने कहा कि जीएसटी संग्रह के अंतर्गत वर्ष 2021-22 में 5983.48 करोड़ का राजस्व प्राप्त हुआ है जो गत वर्ष की सापेक्ष 34 प्रतिशत अधिक है। उन्होंने कार्मिक और सतर्कता विभाग का महिलाओं के लिए राजकीय सेवाओं में महिलाओं के क्षैतिज आरक्षण की चर्चा की। उन्होंने कहा कि राजकीय सेवाओं में महिलाओं को पर्याप्त प्रतिनिधित्व देने के लिए उत्तराखंड लोक सेवा अधिनियम 2022 लागू किया गया है।

राज्यपाल ने मुख्यमंत्री प्राकृतिक कृषि योजना, नमामि गंगे प्राकृतिक कृषि कॉरिडोर योजना, गोट वैली की स्थापना, पांच जनपदों में कुक्कुट वैली की योजना जैसी अन्य योजनाओं की चर्चा की। उन्होंने कहा कि गंगा, गाय, महिला डेरी योजना के तहत दुधारू पशु इकाई योजना के लिए अनुदान की राशि 50 प्रतिशत से बढ़ाकर 75 प्रतिशत कर दी गई है। उन्होंने अपने अभिभाषण में मत्स्य विभाग, गन्ना विकास विभाग, वन विभाग की चर्चा करते हुए कहा कि भारतीय वन सर्वेक्षण के 2021 की रिपोर्ट के अनुसार वनावरण में दो वर्ग किलोमीटर की वृद्धि पाई गई है। 241 अमृत सरोवरों का निर्माण किया जा रहा है।

ऊर्जा और वैकल्पिक ऊर्जा की चर्चा करते हुए राज्यपाल ने कहा कि पिटकुल विद्युत पारेषण विद्युत उपलब्धता 99.67 प्रतिशत है। प्रधानमंत्री की अपेक्षा के अनुसार वर्ष 2030 तक 500 जीडब्ल्यू (गेगावाइट) नवीकरणीय ऊर्जा और वर्ष 2070 तक नेट जीरो के लक्ष्यों के सापेक्ष राज्य में नई सोलर पॉलिसी पर कार्यवाही गतिमान है। उन्होंने कौशल विकास एवं सेवायोजन विभाग, समाज कल्याण विभाग, अल्पसंख्यक कल्याण विभाग, ग्राम्य विकास विभाग समेत सभी विभागों की चर्चा की। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड वन नेशन वन राशन कार्ड योजना के अंतर्गत प्रमाणिकता के बाद खाद्यान्न प्राप्त करने की सुविधा उपलब्ध है।

राज्यपाल ने सैनिक कल्याण और पुनर्वास की चर्चा में कहा कि उत्तराखंड में पूर्व सैनिकों उनके आश्रितों के लिए नियुक्त ब्लाक प्रतिनिधियों के मानदेय छह हजार से बढ़ाकर 8 हजार कर प्रतिमाह कर दिया है। वीरता चक्र से अलंकृत सैनिकों की राशि एकमुश्त बढ़ाई गई है। परमवीर चक्र और अशोक चक्र की राशि 30 लाख से बढ़ाकर 50 लाख, महावीर चक्र व कीर्ति चक्र की राशि 20 लाख से बढ़ाकर 35 लाख, वीर चक्र व शौर्य चक्र की राशि 15 लाख से 25 लाख, सेना मेडल की राशि 7 लाख से बढ़ाकर 15 लाख व मेंशन इन डिस्पैच की राशि 3 लाख 50 हजार से बढ़ाकर 10 लाख कर दी गई है। पर्यटन विभाग में भी केदारनाथ, बद्रीनाथ मास्टर प्लान का प्रथम चक्र पूर्ण हो चुका है। दूसरे चरण की 21 परियोजनाओं पर काम चल रहा है। आपदा प्रबंधन विभाग पर विशेष प्रयास हो रहा है। विभाग की पुनर्वास नीति 2011 को संशोधित कर 2017 व 2021 के अनुसार वित्तीय वर्ष 2023 तक कुल 97 गांवों और 1584 गांवों का पुनर्वास किया गया है। इसी प्रकार चमोली जनपद के जोशीमठ में हुए भूस्खलन पर प्रभावित परिवारों के लिए राहत शिविरों, भोजन, पशुओं के चारे के भुगतान के लिए 55 करोड़ की राशि अवमुक्त की गई है। प्रभवित परिवारों का जल व विद्युत छह माह का माफ किया गया है।

उन्होंने अपने भाषण में कहा कि कर्तव्य पथ पर सूचना एवं लोक सम्पर्क विभाग की झांकी जो मानसखंड पर आधारित थी, इसे देश में प्रथम पुरस्कार मिला है। उत्तराखंड के विकास के लिए शूटिंग एवं फिल्मों के लिए अनुकूल वातावरण तैयार हुआ है। वर्ष 20222-23 में डेढ़ हजार फिल्मों की अनुमति दी गई। विद्यालयी शिक्षा के एक से आठ तक के राजकीय विद्यालयों में पढ़ने वाले 7 लाख 42 हजार छात्रों को निशुल्क पुस्तकें दी गई। इसी वर्ग में एससी, एसटी और बीपीएल बच्चों के 7 लाख 14 हजार बच्चों को निशुल्क गणवेश से संबंधित धनराशि डीबीटी के माध्यम से दी गई। 6 लाख 98 हजार छात्र-छात्राओं को निशुल्क जूता और बैग क्रय करने के लिए डीबीटी के माध्यम से धनराशि हस्तांरित किए गए। इस सत्र में 9 से 12 तक अध्ययनरत 3 लाख 19 हजार छात्र-छात्राओं को निशुल्क पाठ्य पुस्तकें दी गईं जो अपने आप में महत्वपूर्ण है। विद्या समीक्षा केन्द्र भी स्थापित किया जा रहा है। उच्च शिक्षा में भी इसी तरह का अभिनव प्रयास किया गया है। राज्यपाल ने तकनीकी शिक्षा, चिकित्सा शिक्षा पर भी चर्चा की।

लोक निर्माण की चर्चा करते हुए राज्यपाल ने कहा कि जनवरी 2023 तक विभाग ने 491 किलोमीटर नये मार्गों का निर्माण, 1076 लंबाई के मार्गों का पुनर्निर्माण, 15 नए सेतुओं का निर्माण, 50 गावों को सड़क से संयोजन और पूर्व निर्मित 853 किलोमीटर लंबाई में नवीनीकरण का कार्य हुआ है। इसी क्रम में दर्जनों मार्गों का विस्तारीकरण, नवीनीकरण किया गया। कार्पोरेट सोशल रिस्पांसबिलिटी के अंतर्गत केदारधाम में 21 और बद्रीधाम में 20 कार्य स्वीकृत है। भारत-नेपाल सीमा के कालीनदी पर छारछूम नामक स्थान पर 110 मीटर डबल लेन मोटर सेतु का कार्य गतिमान है। भारत सरकार के सहयोग से प्रदेश के राष्ट्रीय राजमार्गों के लिए एनएच (ओ) परियोजना में 224.75 किलोमीटर लंबाई के 18 कार्यों को स्वीकृत किया गया है, जो अपने आप में महत्वपूर्ण है। इसी परियोजना में 49 स्थानों पर भूस्खलन क्षेत्रों का भी उपचार किया जा रहा है।

आवास विभाग, शहरी विकास विभाग, नागरिक उड्यन विभाग, परिवहन विभाग, उद्यान एवं प्रसंस्करण विभाग, जलागम प्रबंध, खेल एवं युवा कल्याण विभाग की चर्चा करते हुए राज्यपाल ने गृह विभाग की योजनाओं पर चर्चा की है। उन्होंने कहा कि गृह विभाग ने एनसीआरबी क्राइम इन इंडिया 2021 के अनुसार उत्तराखंड में सम्पत्ति बरामदगी का राष्ट्रीय औसत 30.2 प्रतिशत है जबकि उत्तराखंड में यह 68 प्रतिशत है जो सभी राज्यों में प्रथम है। सबसे कम अपराधों में उत्तराखंड 4 स्थान पर तथा साइबर अपराधों में साइबर अपराधों पर कार्रवाई करने के लिए छठे स्थान पर, शांति व्यवस्था, न्याय एवं सुदृढ़ व्यवस्था करने में उत्तराखंड में पहले स्थान पर है।

उन्होंने आबकारी विभाग, श्रम विभाग, सहकारिता विभाग, महिला सशक्तिकरण और सामान्य प्रशासन विभाग समेत सभी 49 विभागों पर अपने अभिभाषण में चर्चा करते हुए कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव काल में देश और उत्तराखंड के ज्ञात अज्ञात नायकों को शत-शत नमन करता हूं। सबका साथ, सबका विकास विजन के साथ हम सब प्रदेश के विकास में सहभागी बनेंगे। राज्यपाल ने इस अवसर पर सबके लिए आभार प्रदर्शन किया। बाद में उन्होंने मीडिया के सामने भी अपनी बात रखी। उनके साथ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, वित्त एवं संसदीय कार्यमंत्री प्रेमचंद अग्रवाल भी उपस्थित थे। इसके बाद राज्यपाल ने विधायकों, मंत्रियों के साथ चित्र भी खिंचवाया।

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