लाजवाब केमिस्ट्री से चमकी उत्तराखंड की किस्मत

दस्तक ब्यूरो
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की बेहतरीन आपसी राजनीतिक समझ और दूरदृष्टि ने उत्तराखंड की किस्मत चमका दी। धामी के सीएम बनने के बाद मोदी का पिछले महीने उत्तराखंड का 13वां दौरा था। सवा तीन साल में शायद ही वे किसी राज्य में इतनी बार गए हों। हर मुलाकात में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की मजबूत केमिस्ट्री दिखने को मिलती है। अपनत्व की ये भावना हर बार मुख्यमंत्री को भावविभोर कर देती है।
डबल इंजन की सरकार के राजनीतिक मुहावरे को उत्तराखंड के युवा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नए अर्थ दिए हैं। धामी हर बार उत्तराखंड की ब्रांडिंग के लिए प्रधानमंत्री को न्योता देते हैं। वह चाहे बदरीनाथ केदारनाथ यात्रा हो या मिलट यानी ज्वार, बाजरा, कोदो जैसे मोटे अनाज का प्रचार प्रसार हो। मोदी भी इन न्योतों को कभी टालते नहीं। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की छवि बेहद गंभीर, शांत, सौम्य और सरल नेता की रही है। जब मोदी उनके साथ होते हैं तो धामी आत्मविश्वास से लबरेज होते हैं। ऐसे में दोनों की बीच केमेस्ट्री देखते बनती है। मोदी अपने हर संबोधन में धामी के लिए युवा, ऊर्जावान, विकास के लिए समर्पित जैसे शब्दों प्रयोग करते हैं। मंच पर दोनों के रिश्तों में जबरदस्त सामंजस्य दिखता है। इस बार भी प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन की शुरुआत में मुख्यमंत्री के लिए विशेष शब्दों का इस्तेमाल किया। उन्होंने धामी को ‘छोटा भाई’ और ‘ऊर्जावान मुख्यमंत्री’ कहकर संबोधित किया। प्रधानमंत्री ने केदारनाथ यात्रा का जिक्र करते हुए कहा कि यह दशक उत्तराखंड का है और मुख्यमंत्री धामी की सरकार बेहतरीन काम कर रही है।
मोदी धामी की सियासी समझ के भी कायल हैं। तीन साल पहले मोदी उत्तराखंड दौरे पर आए थे। उन्हें बदरीनाथ से बार्डर के गांव माणा जाना था। पौराणिक मान्यता है कि इसी गांव से महाभारत काल में पांडव स्वर्ग गए थे। रास्ते में मुख्यमंत्री धामी ने पीएम मोदी से बेहद आदर से पूछा कि ‘सीमांत गांव’ को ‘अंतिम गांव’ क्यों कहा जाता है, उसे तो देश का ‘पहला गांव’ कहा जाना चाहिए। मोदीजी को यह बात जमी। इसका जिक्र मोदी ने माणा गांव में अपने भाषण में किया। उन्होंने कहा, माणा गांव भारत के अंतिम गांव के रूप में जाना जाता है लेकिन जैसे हमारे मुख्यमंत्रीजी ने इच्छा प्रकट की, अब तो मेरे लिए भी सीमा पर बसा हर गांव पहला गांव है। इसके बाद मोदी ने देश के सीमान्त गांवों को देश का पहला गांव कहना शुरू कर दिया।

शीतकालीन यात्रा
पर्यटन व तीर्थाटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण उत्तराखंड में धामी सरकार ने इस बार शीतकालीन यात्रा की भी शुरुआत की है। इसी कड़ी में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने खुद दिल्ली जाकर प्रधानमंत्री से मुलाकात की। उन्हें राज्य में चल रही शीतकालीन यात्रा में शामिल होने का निमंत्रण दिया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का मोदी जी से खास आग्रह था कि शीतकालीन पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए वे हर्षिल-मुखवा क्षेत्र आएं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बीते 6 मार्च को हर्षिल पहुंच गए। मोदी का मुखवा व हर्षिल का ताजा दौरा राज्य की सांस्कृतिक विरासत को सहेजने के साथ ही शीतकालीन पर्यटन को बढ़ावा देने की दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण था। प्रधानमंत्री के इन स्थलों का दौरा करने से स्वाभाविक रूप से शीतकालीन यात्रा की ब्रांडिंग हो गई। उत्तराखंड में अब घाम तापो पर्यटन का एक नया और अनोखा प्रयोग शुरू हो रहा है। ये एक तरह से अंग्रेजी के ‘सन बाथ टूरिज्म’ जैसा है। गढ़वाली भाषा में इसे ‘घाम तापो’ पयर्टन कहते हैं।
इस बार उत्तरकाशी दौरे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तराखंड को ‘घाम तापो पर्यटन’ का नया मंत्र दिया। शीतकालीन पर्यटन के फायदे गिनाते हुए वे बोले, सर्दियों में मैदानी इलाकों में प्रदूषण और कोहरे की वजह से धूप खिलकर नहीं आ पाती है, इसलिए प्रधानमंत्री ने देश से अपील की है कि उत्तराखंड आकर वो धूप का आनंद ले सकते हैं। प्रधानमंत्री ने देश के कारपोरेट से उत्तराखंड में विंटर टूरिज्म से जुड़ने की अपील करते हुए कहा कि कारपोरेट की मीटिंग, कान्फ्रेंस, सेमिनार, एग्जिबिशन के लिए देवभूमि से अच्छी जगह नहीं हो सकती। इससे पहले मोदी चार धाम यात्रा की ब्रांडिंग कर चुके हैं। मोदी के उत्तराखंड में रुचि लेने के कारण ही केन्द्र सरकार ने पहाड़ों पर हर मौसम के लिए माकूल सड़कों का जाल बिछा दिया।
गर्मियों में चारधाम यात्रा न केवल देश बल्कि सारी दुनिया में हिंदुओं के आकर्षण का केन्द्र हो गई है। चारधाम यात्रा को सुगम बनाने के लिए सड़क और हवाई कनेक्टिविटी में ऐतिहासिक सुधार किए गए जिससे श्रद्धालुओं की संख्या में भारी वृद्धि हुई है। मानसखंड कॉरिडोर जैसी परियोजनाएं धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देकर राज्य की अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाइयों पर ले जा रही हैं। इस दौरे में प्रधानमंत्री ने देश की फिल्म इंडस्ट्री को उत्तराखंड का रुख करने के लिए आमंत्रित किया। उत्तराखंड को मोस्ट फिल्म फ्रेंडली स्टेट का पुरस्कार मिल चुका है। यहां फिल्म शूटिंग के लिए शानदार सुविधाएं विकसित हो रही हैं। मोदी ने कहा कि देश में हजारों करोड़ रुपये की वेडिंग इकोनॉमी है, इसलिए उन्होंने देशवासियों से ‘वेड इन इंडिया’ के तहत देश में ही शादी करने की अपील की थी।