नई दिल्ली: भारतीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने मलेशिया की प्रतिष्ठित आईएनए की वयोवृद्ध सेनानी अंजलाई पोन्नुसामी के निधन पर शोक व्यक्त किया है। प्रधानमंत्री ने एक ट्वीट में कहा: “मलेशिया की प्रतिष्ठित आईएनए की वयोवृद्ध सेनानी अंजलाई पोन्नुसामी जी के निधन से दुखी हूं। हम भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में उनके साहस और प्रेरक भूमिका को हमेशा याद रखेंगे।उनके परिवार और दोस्तों के प्रति संवेदना।”
इंडियन नेशनल आर्मी (आईएनए) की महिला रेजीमेंट ‘‘झांसी की रानी’’ की सिपाही रही अंजलाई पोन्नुसामी का 1 जून को निधन हो गया था। पोन्नुसामी, 1943 में आईएनए की महिला रेजीमेंट ‘‘झांसी की रानी’’ में शामिल हुई थीं। अंजलाई पोन्नुसामी करीब 102 वर्ष की थीं।
झांसी की रानी रेजिमेंट इंडियन नेशनल आर्मी की महिला रेजिमेंट थी, जिसका उद्देश्य औपनिवेशिक भारत में ब्रिटिश राज को उखाड़ फेंकना था। यह द्वितीय विश्व युद्ध की सभी महिला लड़ाकू रेजिमेंटों में से एक थी। लक्ष्मी सहगल के नेतृत्व में), यूनिट की स्थापना जुलाई 1943 में दक्षिण पूर्व एशिया में प्रवासी भारतीय आबादी के स्वयंसेवकों के साथ की गई थी। झांसी की रानी लक्ष्मीबाई के नाम पर यूनिट का नाम झांसी रेजीमेंट की रानी रखा गया।
नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने 12 जुलाई 1943 को रेजिमेंट के गठन की घोषणा की। अधिकांश महिलाएं मलायन रबर एस्टेट से भारतीय मूल की स्वयंसेविकायें थीं; इनमें से बहुत कम ही कभी भारत आई थीं ।