नई दिल्ली: शिवसेना सांसद संजय राउत ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की कार्रवाई को लेकर उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू से हस्तक्षेप की मांग की है। शिवसेना सांसद संजय राउत ने मंगलवार को उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू को पत्र लिखकर आरोप लगाया है कि उन पर ठाकरे सरकार को गिराने का दबाव बनाया जा रहा है। इसके लिए उन्होंने उपराष्ट्रपति को मामले में हस्तक्षेप और कार्रवाई करने का अनुरोध किया है।
संजय राउत ने अपने पत्र में कहा है कि ईडी और अन्य एजेंसियों द्वारा सांसदों, उनके रिश्तेदारों, दोस्तों के खिलाफ सत्ता के दुरुपयोग कर इस्तेमाल किया जा रहा है। यहाँ तक कि ईडी उनकी बेटी की शादी में शामिल वेंडर्स को भी परेशान कर रहा है। संजय राउत ने उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू को पत्र लिखकर ईडी पर आरोप लगाया है कि जांच एजेंसी ईडी द्वारा उनके परिवार, दोस्त और उनकी बेटी की शादी में डेकोरेशन का काम करने वाले लोगों से जबरन यह बुलवाना चाहती है कि उन्हें काम की एवज में संजय राउत द्वारा 50 लाख कैश दिया गया था, ताकि पीएमएलए केस के तहत संजय राउत को फंसाया जा सके।
संजय राउत के मुताबिक उनके अलावा महाराष्ट्र के दो और कैबिनेट मंत्री और महाराष्ट्र के दो वरिष्ठ नेताओं को भी पीएमएलए एक्ट के तहत जेल में भेजने की बात कही गई थी। राज्यसभा सांसद ने चिट्ठी में कहा, करीब एक महीने पहले कुछ लोगों ने मुझसे संपर्क किया और कहा कि ठाकरे सरकार को गिराने में हमारी सहायता करें। वह लोग चाहते थे कि मैं इस तरह की कोशिश में महत्वपूर्ण भूमिका निभाऊं ताकि महाराष्ट्र में मध्यावधि चुनाव हो सके। इसके बाद मैंने मना कर दिया तो मुझे जेल भिजवाने की धमकी दी गई।
उन्होंने चिट्ठी में आगे कहा, क्योंकि मैं सरकार के खिलाफ आवाज उठाता हूं, इस वजह से मुझे जबरन फंसाने की कोशिश की जा रही है। संजय राउत ने उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू के साथ-साथ राहुल गांधी, शरद पवार समेत कई नेताओं को पत्र लिखा है। अपने पत्र में शिवसेना नेता ने इस बात का जिक्र किया है कि कुछ समय पहले कुछ लोगों ने उनसे महाराष्ट्र सरकार गिराने को लेकर संपर्क किया था, ताकि महाराष्ट्र में मध्यावधि चुनाव हो सके जिस पर संजय राउत ने उन्हें साफ इनकार किया। उन्होंने ये पत्र अपने ट्विटर अकाउंट पर भी शेयर किये और लिखा, ‘सत्यमेव जयते’।
इससे पहले संजय राउत ने कहा था कि ईडी की जांच इसी तरह 2024 तक चलने वाली है और इस तरह की जांच के लिए वे पूरी तरह तैयार हैं। इससे डरने वाले नहीं हैं। पहले उन्हें भाजपा में शामिल होने का ऑफर मिला था, जब वे शामिल नहीं हुए तो उन्हें धमकाया गया। अब केंद्रीय जांच एजेंसियों को उनके पीछे लगाया गया है।