दिल्लीराजनीति

VIDEO: अन्ना का अनशन खत्म कराने गए फडणवीस पर फेंका गया जूता

रामलीला मैदान में विभिन्न मांगों को लेकर पिछले 6 दिनों से अनशन पर बैठे सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे का अनशन तुड़वाने पहुंच महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस पर किसी ने जूता फेंक कर मारा. बता दें कि अन्ना हजारे ने गुरुवार को यह कहते हुए अपना अनशन समाप्त कर दिया कि सरकार ने उन्हें केन्द्र में लोकपाल और राज्यों में लोकायुक्तों की नियुक्तियां शीघ्र करने का आश्वासन दिया है. हजारे ने कहा कि वह सरकार को आश्वासनों को पूरा करने के लिए अगस्त तक छह माह का वक्त दे रहे हैं साथ ही चेतावनी दी कि अगर उनकी मांगे पूरी नहीं की गईं तो सितंबर में उनका अनशन पुन: शुरू होगा. 

इस बीच एक व्यक्ति ने शर्मनाक हरकत करते हुए स्टेज की ओर जूता फेंका जहां अन्ना, फडणवीस तथा केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत बैठे हुए थे. हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि व्यक्ति के निशाने पर कौन था. पुलिस ने व्यक्ति को पकड़ लिया है. जिस वक्त देवेंद्र फडणवीस स्टेज पर भाषण दे रहे थे तभी किसी ने स्टेज की तरफ एक जूता फेंका. यह जूता स्टेज पर बैठे किसी अन्य शख्स को जाकर लगा. 

अन्ना ने कहा, ‘‘ उन्होंने( सरकार) हमें आश्वासन दिया है कि जितनी जल्दी हो सकेगा वे नियुक्तियां कर देंगे. मैं अगस्त तक देखूंगा और सितंबर में अनशन दोबारा शुरू करूंगा.  यह निर्धारित समय में होना चाहिए. 

हालांकि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने कहा है कि इसमें छह माह भी नहीं लगेगा, हम देखेते हैं. ’’  उन्होंने कहा, ‘‘ सरकार और जनता अलग नहीं होती… सरकार का काम है जनता की भलाई, देश की भलाई… ऐसे आंदोलन की नौबत नहीं आनी चाहिए.’’  अन्ना के सहयोगी दत्ता आवारी ने दावा किया है कि इस अनशन में अन्ना का पांच किलोग्राम वजन कम हो गया है.

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने आज रामलीला मैदान में जाकर भूख हड़ताल पर बैठे अन्ना हजारे से मुलाकात की और उन्हें अनशन तोड़ने के लिए राजी किया. बाद में मुख्यमंत्री ने जूस पिलाकर उनका अनशन समाप्त करवाया.

अन्ना ने 23 मार्च को किसानों की समस्याओं और लोकपाल कानून को लेकर अनशन शुरू किया था. इस अनशन के बारे में उन्होंने पिछले साल ही घोषणा कर दी थी. बीते वर्ष 29 नवंबर को उन्होंने महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले के रालेगण सिद्धि गांव में अपने समर्थकों की एक बैठक को संबोधित करते हुए कहा था कि वह जनलोकपाल और किसानों के मुद्दों को लेकर अगले साल (वर्ष 2018) दिल्ली में 23 मार्च से आंदोलन शुरू करेंगे. लोकपाल आंदोलन का चेहरा रहे हजारे ने कहा कि उन्होंने आंदोलन शुरू करने के लिए 23 मार्च की तारीख चुनी, क्योंकि उस दिन ‘शहीद दिवस’ मनाया जाता है.

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