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चंडीगढ़: पंजाब के महाधिवक्ता ( Advocate General ) अनमोल रतन सिद्धू ने हाल ही में अपने पद से त्यागपत्र दे दिया है। अब सीनियर एडवोकेट विनोद घई पंजाब सरकार के नए महाधिवक्ता ( एडवोकेट जरनल) होंगे।
बता दें कि महाधिवक्ता एक संवैधानिक पद है। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 165 में इस पद का प्रावधान किया गया है। किसी राज्य का महाधिवक्ता उस राज्य की सरकार का सर्वोच्च कानूनी सलाहकार होता है। महाधिवक्ता मुख्यमंत्री सहित केबिनेट को कानूनी मसलों पर सलाह देता है। उसकी नियुक्ति राज्यपाल के द्वारा की जाती है और वो उसी के प्रसाद पर्यन्त अपने पद पर कार्य करता है।
गौरतलब है कि सीनियर एडवोकेट विनोद घई पंजाब के चंडीगढ़ शहर के रहने वाले हैं , जो हरियाणा हाईकोर्ट के क्रिमिनल लॉयर हैं। वहीं पद छोड़ने की वजह बताते हुए अनमोल रतन सिद्धू ने बताया है कि इसके पीछे कोई बड़ी वजह नहीं है। वो अपने प्रोफेशन में ज्यादा बिजी रहने लगे थे। इस वजह से उन्हें पद छोड़ना पड़ रहा है। बता दें कि वो पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला कत्ल केस में सरकार पैरवी कर रहे थे।
अनुच्छेद 165 में राज्य महाधिवक्ता पर प्रावधान :
- प्रत्येक राज्य का राज्यपाल उच्च न्यायालय का न्यायाधीश नियुक्त होने के योग्य किसी व्यक्ति को राज्य का महाधिवक्ता नियुक्त करेगा ।
- महाधिवक्ता का यह कर्तव्य होगा कि वह उस राज्य की सरकार को विधि संबंधी ऐसे विषयों पर सलाह दे और विधिक स्वरूप के ऐसे अन्य कर्तव्यों का पालन करे जो राज्यपाल उसको समय-समय पर निर्देशित करे या सौंपे ।
- महाधिवक्ता, राज्यपाल के प्रसादपर्यन्त पद धारण करेगा और ऐसा पारिश्रमिक प्राप्त करेगा जो राज्यपाल निर्धारित करे ।