दस्तक-विशेष

विस चुनाव 2024 : भाजपा का एसटी सीटों पर फोकस

उदय चौहान

झारखंड में विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी सरगर्मी तेज हो गई है। इंडिया गठबंधन हो या एनडीए, दोनों ही खेमों में चुनाव जीतने को लेकर बैठकों का दौर शुरू हो गया है। सीट शेर्यंरग से लेकर भावी उम्मीदवारों की लिस्ट पर भी पूरी गंभीरता से मंथन किया जा रहा है। लोकसभा चुनाव के परिणाम को देखते हुए इंडिया गठबंधन की ओर से ऐसे 9 सीटों पर विशेष रूप से ध्यान दिया जा रहा है जहां उसे एनडीए से शिकस्त मिली है। वहीं दूसरी ओर, भाजपा उन पांच सीटों पर विशेष फोकस कर रही है जहां इंडिया गठबंधन ने मात दी है। भाजपा के शीर्ष नेतृत्व की परेशानी इसलिए बढ़ गई है क्योंकि ये सभी सीटें अनुसूचित जनजाति की हैं। आगामी विधानसभा चुनाव में एसटी सीटों पर जीत हासिल करने के लिए रणनीति बनाई जा रही है। ऐसे हर बिंदु पर गौर किया जा रहा है जिसकी वजह से एनडीए को हार का सामना करना पड़ा है।

लोकसभा चुनाव के बाद ही भाजपा आलाकमान ने इस मुद्दे को गंभीरता से लिया है और अपने दो बड़े चेहरों को सूबे की कमान सौंपी है। शिवराज सिंह चौहान और हेमंता विश्व सरमा ने दायित्व संभालने के बाद से ही अपनी सक्रियता बढ़ा दी है और इस चुनौती से निपटने के लिए रणनीति बनानी शुरू कर दी है। प्रदेश भाजपा कार्य समिति की गत 20 जुलाई को हुई विस्तारित बैठक के बहाने चुनावी बिल्कुल फूंकने आए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह पार्टी के छोटे बड़े नेताओं को सीधा और चुनौतीपूर्ण लक्ष्य दिए हैं। प्रदेश कार्य समितियों की कोर कमेटी की हुई छह अलग-अलग बैठकों में उन्होंने नेताओं और कार्यकर्ताओं को बता दिया है कि उन्हें क्या करना है और पार्टी क्या करेगी ताकि जीत का लक्ष्य हासिल किया जा सके। उन्होंने कहा है कि हमें हर हाल में 28 में से 14 एसटी सीटें जितनी है, वह कैसे होगा इसके लिए मिलकर काम करें, रणनीति बनाएं और उसे अंजाम तक पहुंचाएं। इसके लिए पार्टी प्रदेश के सभी बड़े नेताओं को विधानसभा चुनाव में उतरेगी। अमित शाह ने कहा है कि इसके अलावा सामान्य सीटों पर भाजपा के परंपरागत मतदाताओं को पक्ष में करते हुए प्रदेश बीजेपी आगे बढ़ने का काम करें। उन्होंने कहा है कि लोकसभा चुनाव में जिन 52 विधानसभा सीटों पर बीजेपी आगे रही है, उसे केंद्र में रखकर अपनी रणनीति बनाएं। अमित शाह ने विधानसभा चुनाव में चेहरे को लेकर भी स्थिति स्पष्ट कर दी है कहा है कि झारखंड विधानसभा का चुनाव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चेहरे पर लड़ा जाएगा।

गठबंधन सरकार के भ्रष्टाचार और घुसपैठ के मुद्दे पर भाजपा लड़ेगी चुनाव

भाजपा ने आगामी चुनाव को लेकर भी अपना एजेंडा तय कर लिया है। पार्टी का मानना है कि भ्रष्टाचार और बांग्लादेशी घुसपैठ दो अहम मुद्दे हैं जिन पर इंडिया गठबंधन को घेरा जा सकता है। ऐसा माना जा रहा है कि संथाल परगना सहित कई ऐसे इलाके हैं जहां एक समुदाय के वोटरों की संख्या में बड़ी वृद्धि हुई है। इसके साथ ही बैठक में प्रदेश भाजपा के सिर्फ नेताओं को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शीघ्र झारखंड दौरे के संकेत दिए गए हैं वहीं, इसकी भनक राज्य सरकार को भी मिली है। हालांकि अभी इसकी आधिकारिक जानकारी न तो राज्य सरकार और न ही प्रदेश भाजपा को दी गई है। जानकारी के अनुसार प्रधानमंत्री झारखंड में कई योजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन करने के अलावा एनआरसी पर कोई बड़ा बयान भी दे सकते हैं क्योंकि बांग्लादेशी घुसपैठ को लेकर भाजपा फिलहाल झारखंड में एनआरसी को बेहतर मुद्दा मान रही है। अमित शाह ने आरोप पत्र सहित अन्य मुद्दों पर हुई बैठक में इससे जुड़े नेताओं को निर्देश दिया है कि चुनाव नैरेटिव पर जीता जाता है। विकास बीजेपी का मुद्दा है या देश और दुनिया जानती है लेकिन झारखंड में निगेटिव नैरेटिव के बल पर हम चुनाव जीतेंगे। इसके लिए तीन महीने तक नेता और कार्यकर्ता हेमंत सोरेन सरकार के भ्रष्टाचार, बांग्लादेशी घुसपैठ व अन्य अनियमितता को उजागर करें। अमित शाह ने पार्टी के नेताओं सांसदों और विधायकों को जनता और अपने बीच के मिडिलमैन को किनारे करने का भी निर्देश दिया है। उन्होंने कहा है कि सांसद, विधायक प्रतिनिधियों को किनारे करते हुए वह खुद जनता और कार्यकर्ता से मिलें। इसके साथ ही गृहमंत्री ने कहा है कि कार्यकर्ता टिकट के लिए परिक्रमा करने से बचें क्योंकि पार्टी की पूरी नजर हर नेता कार्यकर्ता पर है किसकी क्या मजबूती है और क्या कमजोरी है पार्टी को सब पता है।

बांग्लादेशी घुसपैठ बनेगा बड़ा मुद्दा

भाजपा की तरफ से जारी बयान के अनुसार, बीजेपी की एक फैक्ट फार्इंंडग टीम राज्य के इन 10 जिलों में गई थी और जाकर एक रिपोर्ट बनाई थी। इसमें पाया गया था कि पांच वर्षों में 15.17 प्रतिशत की बढ़ोतरी होती है, लेकिन इसमें वृद्धि दर अधिक है। 22 जनवरी 2024 को मतदाता सूची के संबंध में जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में भी इस वृद्धि दर को स्वीकार किया गया था। बीजेपी ने अपनी रिपोर्ट के जरिए आयोग को बताया है र्कि हिन्दू बहुल इलाकों में जहां 8-10 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, वहीं अल्पसंख्यक विशेषकर मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में 123 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी हुई है। भाजपा का आरोप यह भी है कि कर्ई हिन्दू बहुल इलाकों र्में हिन्दू वोटर्स की संख्या में कमी आई है।

बीजेपी का दावा है कि 10 विधानसभा क्षेत्रों की डेमोग्राफी में किया गया बदलाव सोची-समझी साजिश का हिस्सा है। वर्तमान सरकार ने अधिकारियों पर दबाव बनाकर विदेशी घुसपैठियों के नाम वोटर लिस्ट में डलवाए हैं। इसका नुकसान उस क्षेत्र में रहने वाले आदिवासी और मूलवासियों को होने वाला है। भाजपा ने यह भी दावा किया कि प्रशासनिक अधिकारी अवैध तरीके से जरूरी प्रमाण पत्र भी उपलब्ध करा रहे हैं। पार्टी ने तीन जुलाई के हाईकोर्ट के उस आदेश का भी जिक्र किया है जिसमें कोर्ट ने घुसपैठ किए हुए लोगों की जांच का आदेश दिया है। झारखंड के भाजपा प्रभारी शिवरार्ज सिंह चौहान ने राज्य में विकास सुनिश्चित करने के लिए पार्टी के प्रभावी नेतृत्व को बहाल करने की आवश्यकता पर जोर दिया है। भाजपा चाहती है कि वह झामुमो-कांग्रेस को अपनी पिच पर खेलने को मजबूर करे, जिसका सियासी लाभ उसे विधानसभा चुनाव में मिले। वहीं, दूसरी ओर झामुमो और कांग्रेस अभी रेस में पीछे नजर आ रहे हैं। हेमंत सोरेन के फिर से मुख्यमंत्री बनने के बाद अभी पूरा फोकस सरकारी योजनाओं को जनता के बीच पहुंचाने का है। वहीं, कांग्रेस ने अपने कोटे के नए मंत्री बनाएं हैं उन्हें अपने विभागों के कार्यों को लेकर आगे बढ़ना है।

Related Articles

Back to top button