नई दिल्ली : विटामिन डी को सनशाइन विटामिन भी कहते हैं। यह इकलौता ऐसा विटामिन है जिसे हम सूरज की रोशनी से सीधे प्राप्त कर सकते हैं। विटामिन डी शरीर के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण विटामिन है। विटामिन डी हमारे शरीर के कई फंक्शन को पूरा करता है। बॉडी के लिए जरूरी कैल्शियम के अवशोषण में विटामिन डी की महत्वपूर्ण भूमिका है। इसके अलावा हार्ट फंक्शन में भी विटामिन डी मदद करता है।
विटामिन डी से इम्यूनिटी भी बूस्ट होती है। यह हमें फ्लू (Flu) से भी बचाता है। आमतौर पर यह समझा जाता है कि विटामिन डी हड्डियों और मसल्स के लिए जरूरी है लेकिन एक ताजा अध्ययन में पाया गया है कि अगर विटामिन डी की कमी हो जाए तो इससे दिल से संबंधित बीमारियों का जोखिम बढ़ जाता है।
यूरोपियन हार्ट जर्नल में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक विटामिन डी की कमी से कार्डियो हेल्थ प्रभावित होती है। यूनिवर्सिटी ऑफ साउथ ऑस्ट्रेलिया के शोधकर्ताओं ने अपने अध्ययन में पाया गया कि जिन लोगों में विटामिन डी की कमी थी, उनलोगों में हार्ट डिजीज और ब्लड प्रेशर बढ़ने की आशंका सामान्य लोगों की तुलना में कहीं ज्यादा थी। दुनिया भर में दिल से संबंधित बीमारियों के कारण हर साल 1.79 करोड़ लोगों की मौत हो जाती है।
इससे बहुत ज्यादा जान-माल की हानि होती है। इस नए अध्ययन के नतीजों के बाद अगर विटामिन डी की कमी पर ध्यान दिया जाए तो हार्ट डिजीज के कारण होने वाली मौतों को कम किया जा सकता है।
दुनिया के कई हिस्से ऐसे हैं जहां के लोगों में विटामिन डी की कमी पाई जाती है। यूके बायोबैंक के आंकड़ों के मुताबिक एक सर्वे में 55 प्रतिशत लोगों में विटामिन डी की कमी पाई गई। इनमें से तो 13 प्रतिशत प्रतिभागियों में विटामिन डी की भारी कमी पाई गई। एक अध्ययन के मुताबिक ऑस्ट्रेलिया जैसे संपन्न देशों में 23 प्रतिशत लोगों में विटामिन डी की कमी है।
वहीं अमेरिका में 24 प्रतिशत और कनाडा में 37 प्रतिशत लोगों में विटामिन डी की कमी पाई गई। यूनिवर्सिटी ऑफ साउथ ऑस्ट्रेलिया की प्रोफेसर और प्रमुख शोधकर्ता एलिना हाइपोनेन ने बताया कि विश्व में दिल से संबंधित बीमारियों के कारण हर साल लाखों लोगों की मौत होती है। अगर हम विटामिन डी की कमी को दूर कर लें तो इन मौतों में भारी कमी लाई जा सकती है।