विटामिन डी वसा-घुलनशील प्रो-हार्मोन का एक समूह होता है। इसके दो प्रमुख रूप हैं विटामिन डी2 एवं विटामिन डी3| जो सूर्य के प्रकाश, खाद्य एवं अन्य पूरकों से प्राप्त होता है| कहते है जब त्वचा धूप के संपर्क में आती है तो शरीर में विटामिन डी निर्माण की प्रक्रिया आरंभ होती है। यह मछलियों में भी पाया जाता है। विटामिन डी की मदद से कैल्शियम को शरीर में बनाए रखने में मदद मिलती है जो हड्डियों की मजबूती के लिए अत्यावश्यक होता है। इसके अभाव में हड्डी कमजोर होती हैं व टूट भी सकती हैं। छोटे बच्चों में यह स्थिति रिकेट्स कहलाती है और व्यस्कों में हड्डी के मुलायम होने को ओस्टीयोमलेशिया कहते हैं। इसके अलावा, हड्डी के पतला और कमजोर होने को ओस्टीयोपोरोसिस कहते हैं। इसके अलावा विटामिन डी कैंसर, क्षय रोग जैसे रोगों से भी बचाव करता है।
विटामिन डी की कमी के चलते दिल से जड़े रोग भी हो सकते हैं और विटामिन डी डेफिशियेंसी डिप्रेशन भी पैदा कर सकती है. कुल मिलाकर विटामिन डी हमारे शरीर के लिए बहुत जरूरी है. लेकिन दुख की बात यह है कि आज की जीवनशैली में ज्यादातर लोग विटामिन डी की कमी से भी जूझ रहे हैं. ऐसे में अपने आहार का ध्यान रखना बहुत जरूरी है. ऐसी डाइट लेना जरूरी है जो विटामिन डी से भरपूर.
विटामिन डी की कमी से आज भारत में बहुत लोग प्रभावित हैं. बच्चों में विटामिन डी की कमी खूब देखने को मिल रही है. विटामिन डी की कमी का सबसे अच्छा स्रोत सूरज की रोशनी होती, लेकिन आज की भागमभाग भरी जीवनशैली में धूप सेक पाना ही संभव नहीं हो पा रहा है.
अक्सर लोग विटामन डी इसलिए भी नहीं ले पाते क्योंकि उन्हें विटामिन डी के स्रोतों के बारे में जानकारी ही नहीं होती. यही वजह है कि उत्तर प्रदेश के सभी सरकारी स्कूलों में अब से सुबह की प्रार्थना सभा और पाठ्यक्रम के अतिरिक्त अन्य गतिविधियों को कक्षा व ऑडिटोरियम के अंदर कराने के बजाय खुले में कराया जाएगा.
इस विचार के पीछे की वजह छात्रों के शरीर में कैल्शियम और विटामिन डी की मात्रा को बढ़ाना है. केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एमएचआरडी) द्वारा हाल ही में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को दिए गए एक निर्देश के बाद यह निर्णय लिया गया है, जिसमें कहा गया है कि विटामिन डी की कमी से होने वाली बीमारियों, जैसे रिकेट्स से निपटने के लिए सूर्य की रोशनी में अधिक से अधिर शारीरिक गतिविधियों का आयोजन किया जाए.राज्य की अतिरिक्त निदेशक (बेसिक शिक्षा) ने कहा, “स्कूलों को अब सुबह की प्रार्थना सभा और अन्य गतिविधियों का संचालन खुले आसमान के नीचे करना होगा. गांवों में कई स्कूलों में सुबह की सभा बाहर होती है, लेकिन जो स्कूल शहरी और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में हैं उन्हें इस निर्देश का पालन करना होगा. इसके तहत खेल कार्यक्रमों को बाहर आयोजित करने पर भी ध्यान होगा.”
विटामिन डी से भरपूर आहार
– विटामिन डी की कमी को दूर करने के लिए आप अपने आहार में मछली शामिल कर सकते हैं. सालमोन और ट्यूना मछली ‘विटामिन डी’ का अच्छा स्रोत हैं.
– विटामिन डी की कमी को दूर करने के लिए रोज पीए दूध. दूध विटामिन डी का अच्छा स्रोत है. आपकी दिन भर की विटामिन डी की जरूरत का तकरीबन 20 फीसदी दूध पूरा कर सकता है.
– विटामिन डी के आहार में अंडों को शामिल करें. हेल्दी डाइट में अंडों का अपना ही स्थान है. बहुत से पोषक तत्वों के साथ ही अंडा विटामिन डी से भी भरपूर होता है. इस बात का ध्यान रखें कि अंडे की जर्दी में ही विटामिन डी होता है.
– कौन नहीं जानता कि संतरा हमारी सेहत के लिए बहुत अच्छा है. संतरे में बहुत से पोषक तत्व होते हैं. और अच्छी बात यह है कि संतरे से एक ओर जहां आप विटामिन सी ले सकते हैं वहीं यह विटामिन डी से भी भरपूर होता है.
– मशरूम विटामिन डी के लिए आहार में शामिल की जा सकती है. मशरूम में विटामिन डी भरपूर मात्रा में मिलती है. विटामिन डी के लिए शीटेक मशरूम को आहार में शामिल करें.