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विटमिन-डी महिलाओं में तेजी से घटाता है फैट और रखता है फिट

नई दिल्ली: एक खास उम्र के बाद केवल भारतीय महिलाएं ही नहीं बल्कि दुनिया के अधिकतर हिस्सों की महिलाएं मोटापे का शिकार हो जाती हैं। यह उम्र आमतौर पर मेनोपॉज की उम्र होती है। या फिर बच्चे के जन्म के बाद वाला वक्त भी कुछ ऐसा ही होता है। यहां जानें, किस तरह विटमिन-डी महिलाओं को फिजिकली फिट रखने और फैट घटाने में मदद करता है…

सभी कॉमेंट्स देखैंअपना कॉमेंट लिखें-बच्चे को जन्म देने के बाद, 35 से 40 की उम्र में या फिर मेनोपॉज के दौरान। महिलाओं के जीवन के ये कुछ ऐसे पड़ाव हैं, जहां अधिकतर महिलाएं मोटापे का शिकार हो जाती हैं।

  • अगर सिर्फ अपने देश की बात करें तो हमारे यहां महिलाओं के लोअर बॉडी पार्ट्स पर सबसे अधिक फैट जमा होता है। जबकि दुनियाभर में क्षेत्र के हिसाब से बॉडी स्ट्रक्चर अलग होता है और उसी प्रकार से फैट भी बढ़ता है।

-पिछले दिनों डायबिटीज फाउंडेशन ऑफ इंडिया और एम्स ने मिलकर महिलाओं में बढ़ते मोटापे और शुगर की समस्या पर एक शोध किया था।

महिलाओं को विटमिन-डी से फायदा

-इस शोध के नतीजों के आधार पर एक्सपर्ट्स का कहना है कि यदि महिलाएं शुगर होने से पहले ही विटमिन-डी का सही मात्रा में उपयोग करें तो वे ना केवल डायबिटीज की मरीज बनने से बच सकती हैं। बल्कि खुद को ताउम्र फिट भी रख सकती हैं।

विटमिन-डी की कमी का मुख्य कारण
-चिकित्सा विशेषज्ञ और समाजशात्री दोनों जब महिलाओं के सेहत पर बात करते हैं तो हमारे देश में उनकी खराब सेहत की सबसे बड़ी वजह के रूप में सामने आता है, उनका हर समय घर में बंद रहना।

-कभी घरेलु कामों के कारण तो कभी बच्चों की परवरिश के चलते वे अक्सर घर के भीतर ही रहती हैं। साथ ही हमारे यहां जिस प्रकार का महिलाओं का पहनावा है, उससे महिलाओं का पूरा शरीर हर समय ढंका हुआ रहता है। इसके चलते उनके शरीर को सूरज की किरणों से प्राप्त होनेवाला विटमिन-डी पर्याप्त मात्रा में नहीं मिल पाता है।

-महिलाओं के शरीर में 30 की उम्र के बाद कैल्शियम की कमी हो जाने की एक बड़ी वजह भी विटमिन-डी की कमी होना मानी जाती है। इसलिए इस उम्र के बाद महिलाओं को कैल्शियम और विटमिन-डी दोनों का सेवन करना चाहिए।

विटमिन-डी का प्रभाव

  • विटमिन-डी हमारे शरीर में कैल्शियम के अवशोषण को बढ़ाता है। आपको शायद पता हो कि अगर हमारे शरीर में विटमिन-डी की कमी है तो हम कितना भी कैल्शियम खा लें हमारे शरीर में वह अवशोषित नहीं हो पाएगा।

-अर्थात हम कैल्शियम लेते तो रहेंगे लेकिन वह हमारी हड्डियों तक पहुंचेगा नहीं। कैल्शियम को हड्डियों तक पहुंचाने के लिए शरीर को विटमिन-डी की आवश्यकता होती है।

-विटमिन-डी के कारण हड्डियों को कैल्शियम मिलता है और कैल्शियम से से मजबूत हुई हड्डियां बॉडी मास को लटकने नहीं देती हैं। साथ ही महिलाओं को एनर्जी और इम्युनिटी बढ़ती है।

-इससे शरीर में ब्लड का फ्लो बढ़ाने की क्रिया तेज होती है। जिससे शरीर को अधिक मात्रा में ऑक्सीजन मिलती है। ऑक्सीजन का स्तर हैपी हॉर्मोन्स को प्रड्यूस करने में सहायता करता। ये हॉर्मोन्स मूड और पाचन तंत्र को प्रभावित करते हैं और शरीर को फिट रखने में मदद करते हैं।

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