नई दिल्ली: देश में कोरोना संक्रमण एक बार फिर रफ्तार पकड़ चुका है। इससे तीसरी लहर शुरू होने की आशंकाए व्यक्त की जाने लगी हैं। कोरोना से निपटने के इंतजाम देशभर में किए जा रहे हैं। इन्हीं तैयारियों के तहत देश को नए साल में पहली नेजल वैक्सीन मिल जाएगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऐलान किया था कि कोरोना की नेजल वैक्सीन लगनी शुरू हो जाएगी। यह वैक्सीन नाक से जरिए लगेगी।
नेजल वैक्सीन फिलहाल क्लिनिकल ट्रायल में है और इसे भारत बायोटेक द्वारा विकसित किया जा रहा है। इसके अलावा कोरोना की पहली डीएनए वैक्सीन भी जल्दी ही लगनी शुरू हो जाएगी, जिसे लगाने के लिए सुई का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा। नेजल वैक्सीन की सबसे बड़ी खासियत है कि इसे नाक से दिया जाता है। इसमें इंजेक्शन की जरूरत नहीं पड़ती। यह वैक्सीन नाक के अंदरुनी हिस्सों में प्रतिरोधक क्षमता तैयार करती है। चूंकि ज्यादातर वायरस जनित बीमारियों में संक्रमण का रूट नाक ही होता है। ऐसे में नाक से टीका लगाने से संक्रमण को रोकने में ज्यादा मदद मिलती है। ओमीक्रोन के खतरे को देखते हुए भारत में नेजल वैक्सीन के निर्माण पर काम तेज कर दिया गया है।
जायडस कैडिला कंपनी द्वारा विकसित कोरोना की पहली डीएनए आधारित वैक्सीन भी बाजार में आने के लिए तैयार है। इस वैक्सीन के 28-28 दिन के अंतराल पर तीन डोज लगेंगे। 18 साल से ऊपर का कोई भी व्यक्ति यह वैक्सीन लगवा सकेगा। इस वैक्सीन को लगाने के लिए इंजेक्शन का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा।
बच्चों का वैक्सीनेशन शुरू होने से पहले भारत बॉयोटेक ने राहत भरी खबर दी है। उनके मुताबिक 2 से 18 आयु वर्ग में भी उनकी वैक्सीन काफी प्रभावी है। भारत बायोटेक के मुताबिक उन्होंने 2 से 18 आयु वर्ग पर अपनी कोवैक्सीन का ट्रायल किया था। जिसके दूसरे और तीसरे फेस में पता चला कि ये वैक्सीन बच्चों के लिए पूरी तरह से सेफ है। इसके अलावा जो वालंटियर इसमें शामिल हैं, उनमें अच्छी मात्रा में एंटीबॉडी बनी। वैक्सीन लेने वालों में किसी तरह का गंभीर साइड-इफेक्ट नहीं दिखा। ऐसे में ये निष्कर्ष निकलता है कि कोवैक्सीन 2-18 आयु वर्ग के लिए सही रहेगी।
देश में 15 से 18 आयु वर्ग के किशोरों का वैक्सीनेशन शुरू होना है। इसके लिए 3 जनवरी से अभियान शुरू होगा। इस आयु वर्ग के 8 करोड़ बच्चे देश में हैं, ऐसे में वैक्सीन लग जाने से वो कोरोना से सुरक्षित हो जाएंगे।