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मुंबई में आज भारी बारिश की चेतावनी, इन इलाकों में दिखेगा चक्रवात ‘गुलाब’ का भी असर

भारतीय मौसम विभाग ने मंगलवार को ठाणे में रेड अलर्ट मुंबई में ऑरेंज अलर्ट जारी किया है. मौसम विभाग का कहना है कि मुंबई में मंगलवार को भारी बारिश भी हो सकती है. चक्रवात ‘गुलाब’ की वजह से मध्य महाराष्ट्र कोंकण के कुछ हिस्सों में बारिश की गतिविधि देखी जाएगी. इससे पहले भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने पालघर, रायगढ़ ठाणे जैसे जिलों के लिए रेड अलर्ट जारी किया था. आईएमडी का अनुमान है कि 28 सितंबर को महाराष्ट्र के कई क्षेत्रों में भारी बारिश हो सकती है. मुंबई में इस सीजन में 3,000 मिमी बारिश होने का आंकड़ा पार कर चुका है.

अभी भी देश के कई इलाकों में मॉनसून सीजन जारी है. सितंबर महीने में कई राज्यों में लगातार बारिश हो रही है. मानसून की अवधि समाप्त होने के बावजूद कई स्थानों पर बारिश हुई है कुछ में बिल्कुल भी बारिश नहीं हुई है. मुंबई भी उन कई शहरों में शामिल है जहां अभी भी भारी बारिश हो रही है. इस साल बारिश अनिश्चित रही है जिससे कुछ राज्यों में बाढ़ की स्थिति भी पैदा हो गई.

आर्थिक राजधानी मुंबई में मंगलवार को भारी बारिश देखी जा सकती है. आईएमडी ने कहा है कि उत्तर-पश्चिम उससे सटे पश्चिम-मध्य बंगाल की खाड़ी में चक्रवात गुलाब के कारण कई स्थानों पर भारी वर्षा होगी. विशेषज्ञ विशाखापत्तनम में डॉपलर वेदर रडार के जरिए चक्रवात गुलाब की निगरानी कर रहे हैं. रिपोर्ट के अनुसार, आईएमडी वैज्ञानिक शुभांगी भूटे ने दावा किया है कि चक्रवात गुलाब शनिवार शाम को बना था इसके पश्चिम की ओर बढ़ने की संभावना है. उन्होंने कहा, इस वजह से, महाराष्ट्र में तेज तेज हवाओं के साथ भारी बारिश होने की संभावना है. 28 सितंबर को मध्य महाराष्ट्र कोंकण के कुछ हिस्सों में बारिश की गतिविधि देखी जाएगी. इसलिए नागरिकों से अनुरोध है कि वे सावधानी बरतें.”

दिल्ली में मौसम रहेगा साफ
दिल्ली में बीते तीन दिन से बारिश नहीं हो रही है. हालांकि आसमान में बादलों व धूप की लुकाछिपी चलती रहेगी. मौसम विभाग के अनुसार, दो दिन के बाद मौसम में बदलाव होगा. इस बदलाव के कारण 30 सितंबर से फिर से हल्की बारिश का दौर शुरू होगा जो दो अक्तूबर तक जारी रहने की संभावना है। हालांकि यह बारिश कुछ स्थानों पर ही होगी. इस कारण तापमान में भी गिरावट होगी. नया रिकॉर्ड बनाने के लिए इस सितंबर में दिल्ली को केवल 13 मिमी बारिश की आवश्यकता है वहीं, इस पूरे वर्ष मानसून का रिकॉर्ड बनाने के लिए 20 मिमी बारिश की जरूरत है.

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