जल जीवन मिशन में 30 हजार 668 करोड़ लागत की जल-प्रदाय योजनाएँ स्वीकृत
भोपाल: जल जीवन मिशन में ग्रामीण आबादी को पेयजल व्यवस्था के लिए अब तक 30 हजार 668 करोड़ रूपये से अधिक लागत की जल-प्रदाय योजनाएँ स्वीकृत की गयीं हैं। इनमें एकल ग्राम नल-जल, समूह जल-प्रदाय और रेट्रोफिटिंग योजनाएँ शामिल हैं। प्रदेश में मिशन का प्रभावी क्रियान्वयन ग्रामीण परिवारों के लिए काफी लाभदायी साबित हो रहा है। मिशन में ग्रामीण परिवारों को नल कनेक्शन से घर पर मिल रहे पेयजल के कारण उनकी वर्षों से चली आ रही जल की समस्या दूर हो रही है। मिशन में प्रदेश के लिए निर्धारित लक्ष्य को वर्ष 2024 तक पूरा किया जाना है, जिससे गाँव में बसे प्रत्येक परिवार को घर पर ही नल से जल उपलब्ध करवाया जा सके। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग और जल निगम द्वारा प्रदेश के 4079 ग्रामों के शत-प्रतिशत परिवारों को अब तक मिशन में नल से जल उपलब्ध करवाया गया है।
जल जीवन मिशन में रीवा-शहडोल संभाग के 270 ग्रामों के शत-प्रतिशत परिवारों को लाभान्वित किया जा चुका है। संभाग के प्रत्येक गाँव के हर परिवार को मिशन का लाभ देने के उद्देश्य से दोनों संभाग में 840 करोड़ 53 लाख 45 हजार रूपये लागत की 887 जल संरचनाओं के कार्य त्वरित गति से जारी है। “जल जीवन मिशन” में दोनों संभाग में रीवा जिले में 318, सतना 86, सीधी 141, शहडोल 131, उमरिया 3, सिंगरौली 42 और अनूपपुर जिले में 166 नवीन और रेट्रोफिटिंग जल-प्रदाय योजनाओं के कार्य प्रगतिरत हैं।
मिशन के माध्यम से यह सुनिश्चित किया जाना है कि कोई भी ग्रामीण परिवार पेयजल के लिए परेशान नहीं हो और सभी को घर में ही नल के माध्यम से जल मुहैय्या करवाया जाय। मिशन में 47 लाख 2 हजार से अधिक परिवारों को नल कनेक्शन से जल उपलब्ध करवाया जा चुका है। प्रदेश के सभी जिलों में ग्रामीण परिवारों को “जल जीवन मिशन” का लाभ देने के उद्देश्य से जल-प्रदाय योजनाओं पर त्वरित गति से कार्य किए जा रहे हैं। मिशन की प्रगतिरत जल-प्रदाय योजनाओं में जहाँ जल-स्त्रोत हैं, वहाँ उनका समुचित उपयोग कर आसपास के ग्रामीण परिवारों को पेयजल प्रदाय किया जायेगा। जिन ग्रामीण क्षेत्रों में जल-स्त्रोत नहीं हैं, वहाँ यह निर्मित किये जायेंगे।