हम कनाडा सरकार द्वारा हमारे उच्चायुक्त को निशाना बनाए जाने की निंदा करते हैं : जयशंकर
नई दिल्ली: विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने शनिवार को कहा कि भारत ने कनाडा में संगठित अपराध के मुद्दे को सबसे पहले उठाया था, लेकिन लंबे समय तक वहां इस मुद्दे को नजरअंदाज किया गया। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ट्रूडो सरकार द्वारा भारतीय उच्चायुक्त और राजनयिकों को निशाना बनाए जाने की आलोचना की। पुणे में आयोजित एक कार्यक्रम में जयशंकर ने कहा कि जब बात भारत के राष्ट्रीय हित, अखंडता और संप्रभुता की आएगी तो भारत स्पष्ट रूप से कड़ा रुख अपनाएगा। जयशंकर ने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘कनाडा सरकार ने जिस तरह हमारे उच्चायुक्त और राजनयिकों को निशाना बनाया, हम उसकी पूरी तरह से निंदा करते हैं।”
विदेश मंत्री ने कहा, ‘‘मुद्दा यह है कि वहां कुछ ऐसे लोग हैं जिन्होंने खुद को एक बड़ी राजनीतिक ताकत बना लिया है। दुर्भाग्य से उस देश की राजनीति उस राजनीतिक समूह को कुछ हद तक एक ऐसा स्थान दे रही है, जो न केवल हमारे लिए और हमारे संबंधों के लिए हानिकारक है, बल्कि मैं यह भी कहूंगा कि यह कनाडा के लिए भी नुकसानदेह है।” उन्होंने कहा कि भारत ने सबसे पहले कनाडा में संगठित अपराध की मौजूदगी का मुद्दा उठाया था। विदेश मंत्री ने कहा, ‘‘हम उन्हें बता रहे थे और वे सुन नहीं रहे थे…।”
जयशंकर ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि यह एक विशेष राजनीतिक चरण या राजनीतिक ताकतों के समूह का मुद्दा है। हम निश्चित रूप से आशा करते हैं कि अधिक समझदारी, अधिक संयमित, अधिक जिम्मेदार रुख सामने आएगा।” यूक्रेन-रूस युद्ध पर उन्होंने कहा कि इसे अब तीन साल हो गए हैं। विदेश मंत्री ने कहा, ‘‘दुनिया में कितने देशों में यह क्षमता है कि वे मॉस्को जाकर व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात कर सकें, साथ ही यूक्रेन जाकर (राष्ट्रपति) जेलेंस्की से मुलाकात कर सकें? दुनिया सोचती है कि भारत में यह क्षमता है।”