मध्य प्रदेश

हमे प्रकृति के अनुरूप और सरल जीवन शैली अपनानी चाहिये-राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद

भोपाल : राष्‍ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि वैक्सीन से मानव जीवन बचा है। मैं दो दिन की विदेश यात्रा पर था। वहां दो देशों में कार्यक्रम थे। वहां के प्रधानमंत्री और डारेक्टर गवर्नर ने बताया भारत वैक्सीन नहीं देता, तो हमारी आधी आबादी नहीं बचती। सभी राज्यों में 85 प्रतिशत क्षेत्र में आरोग्य भारती सक्रिय। पूरे देश की एक स्वास्थ्य सेवा के लिए वर्तमान सेवाओं को समझना होगा। दुनिया में उपलब्ध महंगे इलाज के बीच भारत में सस्ते उपचार की व्यवस्था है। यही वजह है कि दिल्ली के अस्पतालों में भी देखें तो देश के विभिन्न हिस्सों के साथ ही विदेशों के मरीज इलाज के लिए आते हैं।

यह बात राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राजधानी में कुशाभाऊ ठाकरे अंतरराष्‍ट्रीय समागम केंद्र में आयोजित ‘एक देश-एक स्वास्थ्य सेवा” पर आरोग्य मंथन कार्यक्रम के शुभारंभ अवसर पर कही। राष्‍ट्रपति ने कहा कि आरोग्य भारती आयुर्वेद के माध्यम से जनसेवा का अभिनंदनीय प्रयास कर रहा है। देश में मेडिकल टूरिज्म बढ़ रहा है, लेकिन यह भी सच है कि आवश्यकतानुसार उपचार की व्यवस्था को मजबूत करना है। 2017 में घोषित राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति के तहत सभी के आरोग्य की व्यवस्था करने का संकल्प है। इस ध्येय की प्राप्ति के लिए भारत सरकार निरंतर कार्य कर रही है। भारत में चिकित्सा की प्राचीन पद्धति रही है, जिससे विश्व को भी मार्गदर्शन मिला है।

भारत ने दुनिया को योग, प्राणायम और व्यायाम के साथ आध्यात्मिक शक्ति का बोध कराया। हमें दैनिक दायित्वों का निर्वहन करने के साथ-साथ प्रकृति के अनुरूप और सरल जीवन शैली अपनानी चाहिये। इससे हमारा स्वास्थ्य बेहतर रहेगा। योग को टालने के लिए कोई बहाना ठीक नहीं है। योग को लेकर कुछ लोग भ्रांतियां फैलाते हैं, जबकि निरोग रहने के लिए कोई भेदभाव या भ्रांतियां आड़े नहीं आना चाहिए। उन्होंने कहा- किसी डॉक्टर के पास, दो मजहब के लोग जाएं। डॉक्टर यह कहे कि आप सुबह पांच बजे उठिए। मॉर्निंग वॉक करिए। योगासन कीजिए। डॉक्टर के कहने पर वो यह सब करेगा। यह नहीं कहता कि मेरा मजहब इसके आड़े आड़े आ रहा है, क्योंकि उसे अपने स्वास्थ्य की चिंता है। कहीं न कहीं, जो भ्रांतियां फैलाई जाती हैं, उस पर ध्यान देने की जरूरत है।

राज्यपाल मंगूभाई पटेल ने कहा- आज के बच्चे पिज्जा खाते हैं और थम्स-अप की बोतल साथ रखते हैं। खाना कैसे पचा सकेंगे? पहले लोग सात्विक-पौष्टिक आहार लेते थे और श्रम भी करते थे, इस वजह से स्वस्थ रहते थे। मजबूत राष्ट्र के लिए नागरिकों का बीमारियों से मुक्त होकर स्वस्थ और खुशहाल होना जरूरी है।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा- स्वस्थ रहने के लिए योग और अन्न भी ठीक चाहिए। मैं किसी पर थोप नहीं रहा हूं। मेरा व्यक्तिगत विचार है। हम जैसा खाते हैं, वैसा बनते हैं। आंत-दांत देख लो, मुझे लगता है कि शाकाहार के लिए बनी है। यह बात मैं थोप नहीं रहा, मुख्यमंत्री के नाते नहीं कह रहा, नहीं तो कोई कहे कि मुख्यमंत्री ने यह बात कह दी। हम क्या खाएं और कैसा खाएं? इसका भी महत्व है। इस पर भी विचार करना पड़ेगा। CM ने कहा- हमने तीनों पद्धतियों का उपयोग कोविड से लड़ने के लिए प्रयोग किया। काढ़े का वितरण कर सबको उपयोग के लिए भी अनुरोध किया। योग से निरोग अभियान भी शुरू किया। आयुर्वेद, एलोपैथी और योग का भी हमने उपयोग किया।

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