आंधी-बारिश से बदला मौसम, आज भी छाए रहेंगे बादल, इन इलाकों में हो सकती है बारिश
नई दिल्ली: उत्तर भारत में गुरुवार को आंधी के साथ आई बारिश और ओलावृष्टि से मौसम एकबार फिर बदल गया है। दिल्ली में दिनभर काफी धूप और गर्मी रही, लेकिन दोपहर बाद बारिश और धूल भरी आंधी ने दिल्लीवासियों को गर्मी से राहत दिला दी। वहीं, कई इलाकों में ओले पड़ने से मौसम में फिर से ठंडक का अहसास हो रहा है। हालांकि, इस दौरान जनजीवन भी काफी हद तक अस्त-व्यस्त हुआ। कई जगह पेड़ गिरे तो काफी क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति बाधित रही। शुक्रवार को भी आंशिक रूप से बादल छाए रहेंगे, लेकिन बारिश की उम्मीद बेहद कम है। दिल्ली में गुरुवार को अधिकतम तापमान सामान्य स्तर पर 39.7 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान सामान्य से दो डिग्री कम 23.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
मौसम विभाग के अनुसार एक नया पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हुआ है। इसके चलते शुक्रवार को भी आंशिक रूप से बादल छाए रहेंगे। इसके अलावा 20 से 30 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज धूल भरी हवा चलेगी। अधिकतम एवं न्यूनतम तापमान क्रमश: 39 एवं 24 डिग्री सेल्सियस रहने के आसार हैं।
पहाड़ों में फिर बर्फबारी, निचले क्षेत्रों में बारिश
उत्तराखंड से लेकर हिमाचल प्रदेश तक गुरुवार को बारिश का मौसम बना रहा। रोहतांग में पांच सेंटीमीटर बर्फबारी हुई। भृगु दशहर व कई अन्य चोटियों में बर्फबारी हुई। बारिश होने से अधिकतम तापमान में गिरावट दर्ज की गई है। बर्फबारी के कारण रोहतांग में वाहनों की आवाजाही भी बंद रही। पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने से चली आंधी और बारिश के चलते गेहूं की कटाई भी प्रभावित हुई है। मौसम विभाग के अुनसार शुक्रवार को ऊंचे क्षेत्रों में एक-दो स्थानों पर बर्फबारी व निचले क्षेत्रों में कुछ स्थानों पर बारिश की संभावना है। 16 मई से प्रदेश में मौसम साफ रहेगा और तापमान में वृद्धि होगी। प्रदेश में 15 जून से प्री मानसून की संभावना जताई जा रही है। वहीं, उत्तराखंड में बारिश, ओलावृष्टि और अंधड़ का सिलसिला उत्तराखंड में कुछ दिन थमा रहेगा। मौसम विभाग ने आज यानी शुक्रवार से अगले पांच दिन तक राज्य में मौसम सामान्य रहने की संभावना जताई है।
बारिश से पंजाब में किसान परेशान
पंजाब में गुरुवार को हुई बारिश से मंडियों में गेहूं भीगने के साथ-साथ किसानों के अरमान भी टूट गए। प्रदेश भर की मंडियों में 20 लाख 16 हजार मीट्रिक टन गेहूं गेहूं को अभी लिफ्टिंग का इंतजार है। सिर्फ सरकारी एजेंसी पनग्रेन के 6.32 लाख एमटी से अधिक गेहूं की लिफ्टिंग नहीं हुई है। गेहूं खरीद को लेकर सरकार के सारे दावे हवा-हवाई साबित हुए। बारिश ने किसानों की माथे पर चिंता की लकीरें खींच दी हैं। मंडियों में शेड न होने खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ा। हरियाणा में भी नरमा कपास की खेती करने वाले किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें खिंच गई हैं। बठिंडा, मानसा, फाजिल्का व मुक्तसर में बड़े पैमाने पर नरमे की खेती की जाती है।
16 वर्षो बाद मई इतना ठंडा
मौसम विभाग के अनुसार 16 साल बाद मई इतना ठंडा रहा है। इससे पूर्व वर्ष 2004 में मई के दूसरे सप्ताह में हुई बारिश के कारण इस तरह की ठंडक महसूस की गई थी। मौसम विभाग के अनुसार आने वाले दिनों में भी ऐसी ही ठंडक बनी रहेगी। ऐसा पश्चिमी विक्षोभ के कारण हो रहा है।