नई दिल्ली : यूरोपियन सोसाइटी ऑफ कॉर्डियोलॉजी (ईएससी) कांग्रेस 2023 में पेश एक नए शोध (Search) से पता चलता है कि वजन घटाने वाली दवा सेमाग्लूटाइड हृदयरोगियों के लिए काफी फायदेमंद साबित हो सकती है। इससे हार्ट फेल होने के कारण होने वाली मौत का जोखिम घट जाता है। शोध की मानें तो 2.4 मिलीग्राम खुराक हृदय संबंधी रोगों का खतरा 20% तक घटा सकती है।
ईएससी कांग्रेस में बताया गया कि मोटापे के शिकार और हार्ट फेलियर विद प्रिजर्व इजेक्शन फ्रैक्शन (एचएफपीईएफ) यानी ऐसे मरीजों, जिनके हार्ट पंप के काम करने की गति सामान्य से थोड़ी ज्यादा कम होती है, पर वजन घटाने में इस्तेमाल की जाने वाली इस दवा का परीक्षण किया गया। इसमें पाया गया गया प्लेसिबो की तुलना में मोटे और एचएफपीईएफ मरीजों पर दवा ने तेजी से असर दिखाया। सेमाग्लूटाइड एक शक्तिशाली ग्लूकागन-जैसे-पेप्टाइड-1 रिसेप्टर है, जिसे मोटापे से पीड़ित लोगों का वजन घटाने में अपेक्षित नतीजे दिए हैं। स्टेप-एचएफपीईएफ परीक्षण इस परिकल्पना के साथ किया गया गया कि क्या सेमाग्लूटाइड के इस्तेमाल से हृदय रोगियों के लक्षणों और उनकी कार्य या व्यायाम क्षमता में कोई सुधार आता है। यह एशिया, यूरोप, उत्तरी अमेरिका और दक्षिण अमेरिका के 13 देशों में 96 जगहों पर आयोजित एक डबल-ब्लाइंड, प्लेसबो-नियंत्रित और रैंडम ट्रायल था।
अमेरिका में वजन घटाने के लिए सेमाग्लूटाइड का इस्तेमाल व्यापक स्तर पर किया जाता है। इसे लेकर कई बार विवाद भी उपजे हैं। पिछले माह एक मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया था कि कुछ महिलाएं को लंबे समय तक इसके इस्तेमाल के बाद गैस्ट्रोपैरेसिस की समस्या से ग्रसित हो गई। यह एक गंभीर विकार हैं, जिसमें पेट की मांसपेशियां सामान्य ढंग से काम करना बंद कर देती हैं।