14 सितंबर को ही राष्ट्रीय हिंदी दिवस मनाने की क्या है वजह
नई दिल्ली ( दस्तक ब्यूरो) : 14 सितंबर यानी राष्ट्रीय हिंदी दिवस एक ऐसा दिन है जो हर भारतवासी के पहचान से जुड़ा हुआ है। हिंदी भाषा में विचार और अभिव्यक्ति ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तरों पर भारत और उसके नागरिकों को एक नई ऊंचाई दी है। विदेशी भी आज हिंदी भाषा को सीखने का प्रयास करते हैं, हिंदी भाषा में गीत गाने का प्रयास करते हैं जो हिंदी के प्रति बढ़ते सार्वभौमिक प्रेम को दर्शाता है। भारतीय संविधान निर्माताओं ने तो बहुत सोच विचारकर ही भारतीय संविधान के अनुच्छेद 343 के तहत हिंदी को हमारे देश की राजकीय भाषा ( Official language) घोषित किया था।
हिंदी भाषा का महत्व: “निज भाषा उन्नति अहै, सब उन्नति को मूल “भारतेंदु हरिश्चंद्र की ये पंक्तियां हिंदी की महत्ता को सिद्ध करती हैं। हिंदी भाषा भारतीयों को भावनात्मक रूप से एक सूत्र में बांधने वाली भाषा है । शायद इसलिए महात्मा गाँधी ने कहा था कि ‘ हृदय की कोई भाषा नहीं है, हृदय-हृदय से बातचीत करता है और हिंदी हृदय की भाषा है।हिंदी के गौरव ,मान सम्मान और वैश्विक पहचान के लिए पूरे देश में आज यानी 14 सितम्बर को राष्ट्रीय हिंदी दिवस मनाया जाता है। 14 सितंबर को ही इस दिवस को मनाने की वज़ह ये है कि इसी दिन साल 1949 में संविधान सभा में एक मत से हिंदी को राजभाषा घोषित किया गया था। हिंदी को हर क्षेत्र में प्रसारित करने के लिए राष्ट्रभाषा प्रचार समिति, वर्धा के अनुरोध पर 1953 से पूरे भारत में 14 सितंबर को हर साल हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाने लगा।
हिंदी के समृद्ध वैभव को अगर एक आंकड़ें के तौर पर देखें तो दुनिया भर में लगभग 120 मिलियन लोग दूसरी भाषा के रूप में हिंदी बोलते हैं, और 420 मिलियन से अधिक लोग इसे अपनी मातृभाषा के रूप में बोलते हैं।ऐसे ही देवनागरी लिपि में लिखी गई एक इंडो-आर्यन भाषा हिंदी को 1949 में संविधान सभा द्वारा भारत की आधिकारिक भाषा के रूप में मान्यता नहीं दी गई थी बल्कि राष्ट्रीय एकीकरण के बुनियादी के रूप में इसे जरूरी मानते हुए ऐसा किया गया था।
राष्ट्रभाषा के तौर पर हिंदी को मान्यता दिलाने के लिए मैथिलीशरण गुप्त, काका कालेलकर, हजारीप्रसाद द्विवेदी, सेठ गोविन्ददास जैसे कई साहित्यकारों ने प्रयास किया था। हिंदी साहित्य का सम्मान करने और हिंदी भाषा के प्रति सम्मान दिखाने के लिए इस दिन देश भर में कई सांस्कृतिक उत्सव आयोजित किए जाते हैं। हिंदी दिवस पर, मंत्रालयों, विभागों, सार्वजनिक उपक्रमों, राष्ट्रीयकृत बैंकों और नागरिकों को हिंदी भाषा में उनके योगदान के लिए राजभाषा कीर्ति पुरस्कार और राजभाषा गौरव पुरस्कार जैसे पुरस्कार प्राप्त होते हैं। सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों (पीएसयू), विभिन्न मंत्रालयों, विभागों, राष्ट्रीयकृत बैंकों और व्यक्तियों को हिंदी भाषा को बढ़ावा देने के लिए राजभाषा कीर्ति पुरस्कार और राजभाषा गौरव पुरस्कार जैसे प्रतिष्ठित पुरस्कारों से सम्मानित किया जाता है।