UPS: यूनिफाइड पेंशन स्कीम क्या है, जिसे मोदी सरकार ने दी मंजूरी, जानें पांच मुख्य बातें
नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने शनिवार को यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) योजना को मंजूरी दे दी। इलेक्ट्रॉनिक और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसकी घोषणा की। साथ ही कहा कि सरकारी कर्मचारियों की सामाजिक सुरक्षा को लेकर चिंता भी उठती रही है और पेंशन इसका अहम भाग है। अश्विनी वैष्णव ने कहा कि सरकारी कर्मचारी देशभर में लोगों की सेवा करते हैं और इससे समाज की एक व्यवस्था चलती है, समाज में उनका महत्वपूर्ण स्थान रहा है। आइये हम आसान भाषा में जानते हैं कि यूपीएस यानी यूनिफाइड पेंशन स्कीम है।
अश्विनी वैष्णव ने सरकारी कर्मचारियों की नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) में सुधारों की मांग की बात की और कहा कि सरकार इस पर विचार कर रही थी और अब सरकार ने यूपीएस यानी यूनिफाइड पेंशन स्कीम को मंजूरी दे दी है। वैष्णव ने आगे कहा कि इस नई स्कीम के तहत केंद्र सरकार के 23 लाख कर्मचारियों को फयदा मिलेगा। पीएम मोदी ने यूपीएस को मंजूरी मिलने के बाद खुशी जताई। साथ ही उन्होंने इसे कर्मचारियों की गरिमा और आर्थिक सुरक्षा को सुनिश्चित करने वाली योजना बताया है।
मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर कहा कि देश की प्रगति के लिए कठिन परिश्रम करने वाले सभी कर्मचारियों पर हमें गर्व है। यूनिफाइड पेंशन स्कीम इन कर्मचारियों की गरिमा और आर्थिक सुरक्षा को सुनिश्चित करने वाली है। ये कदम उनके कल्याण और सुरक्षित भविष्य के लिए हमारी सरकार की प्रतिबद्धता को दिखाता है।
स्कीम की पांच मुख्य बातें
पहला हिस्सा- कम से कम 50 फीसदी निश्चित पेंशन
अश्विनी वैष्णव ने कहा कि कर्मचारियों की एक मांग थी कि उन्हें एक निश्चित रकम पेंशन के रूप में चाहिए, जो वाजिब मांग थी। ये रकम रिटारयमेंट के ठीक पहले के 12 महीनों के औसत मूल वेतन का 50 फीसदी होगी। इसके लिए शर्त ये है कि कर्मचारी ने 25 साल की सेवा पूरी की हो।
इससे कम वक्त 10 साल से अधिक और 25 साल से कम तक सेवा की है तो रकम भी उसी हिसाब से होगी।
दूसरा हिस्सा- निश्चित फैमिली पेंशन
किसी कर्मचारी की सेवा में रहते हुए मृत्यु होने की स्थिति में परिवार पत्नी को 60 फीसदी पेंशन के रूप में मिलेगा।
तीसरा हिस्सा- न्यूनतम निश्चित पेंशन
10 साल तक की न्यूनतम सेवा देने पर कर्मचारी को कम से कम 10 हजार रुपये प्रति महीने पेंशन के रूप में दिए जाएंगे।
चौथा हिस्सा- महंगाई के हिसाब से व्यवस्था
कर्मचारी और फेमिली पेंशन को महंगाई के साथ जोड़ा जाएगा। इसका लाभ सभी तरह की पेंशन में मिलेगा यानी कर्मचारियों की पेंशन में महंगाई इंडेक्शेसन को शामिल किया जाएगा। ये महंगाई राहत ऑल इंडिया कंज्यूमर प्राइजेस फार इंडस्ट्रियल वर्कर्स के इंडेक्स पर आधारित है। यह व्यवस्था मौजूदा समय में सेवारत कर्मचारियों के लिए है।
पांचवां हिस्सा- ग्रैच्युटी के अलावा नौकरी छोड़ने पर एकमुश्त रकम दी जाएगी
इसकी गणना कर्मचारियों के हर छह महीने की सेवा पर मूल वेतन और महंगाई भत्ते का दसवां हिस्से के रूप में होगी। इस रकम से कर्मचारियों की निश्चित पेंशन पर कोई असर नहीं होगा।