WhatsApp की अफवाहों पर न दें ध्यान, जानें GST से जुड़े कंफ्यूजन के समाधान
जीएसटी के बारे में तमाम तरह की अफवाहें और कंफ्यूजन WhatsApp और सोशल मीडिया के जरिए फैल रहे हैं. इसे देखते हुए रेवेन्यू सेक्रेटरी हसमुख अधिया ने अधिकांश ऐसे कंफ्यूजन को दूर करने की कोशिश की है.
GSTIN का इंतजार करने की जरूरत नहीं
ट्रेडर्स को गुड्स एंड सर्विसेज टैक्सपेयर आइडेंटिफिकेशन नंबर (GSTIN) का इंतजार करने की जरूरत नहीं है. कारोबारी जीएसटी के तहत अपनी प्रोविजनल आईडी के साथ कारोबार चालू रख सकते हैं. रेवेन्यू सेक्रेटरी हसमुख अधिया का कहना है, ‘प्रोविजनल ID आपका फाइनल GSTIN नंबर होगा.’
सभी बिल कंप्यूटर पर जेनरेट करने की जरूरत नहीं
टैक्स दायरे में आने वाले बिजनेस को तत्काल नहीं कराना होगा नया रजिस्ट्रेशन
कारोबारियों के बीच यह भी भ्रम है कि जो बिजनेस नई व्यवस्था के तहत टैक्स के दायरे में आए हैं, उन्हें अपना कारोबार शुरू करने से पहले नया रजिस्ट्रेशन कराना होगा. हालांकि, ऐसा नहीं है. ऐसे ट्रेडर्स अपना कारोबार जारी रख सकते हैं और 30 दिनों के भीतर रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं.
छोटे रिटेलर्स को रिटर्न में नहीं देना होगा इनवॉइस के आधार पर डिटेल
छोटे रिटेलर्स को अपने रिटर्न फॉर्म में इनवॉइस के आधार पर ब्योरा नहीं देना होगा. रिटेलर्स को केवल एक रिटर्न फॉर्म भरना होगा, क्योंकि दो अन्य फॉर्म कंप्यूटर द्वारा ऑटो पॉपुलेटेड होंगे.
हर समय इंटरनेट की जरूरत नहीं
व्यापारियों सहित अन्य लोगों में यह भ्रम है कि जीएसटी के तहत हर वक्त इंटरनेट की जरूरत होगी जबकि सच्चाई यह है कि सिर्फ रिटर्न ऑनलाइन भरते वक्त इंटरनेट की जरूरत है. बाकी समय इंटरनेट की कोई जरूरत नहीं है.
क्रेडिट कार्ड से बिल देने पर नहीं देना होगा दो बार GST
सोशल मीडिया में ऐसी खबरें चल रही हैं कि अगर आप अपने क्रेडिट कार्ड से यूटिलिटी बिल का भुगतान करते हैं तो आपको दो बार जीएसटी देना होगा. ऐसा बिलकुल नहीं है. हसमुख अधिया के मुताबिक, ऐसी खबरें पूरी तरह से झूठी हैं. उन्होंने इस बात से इनकार किया कि अगर कोई व्यक्ति यूटिलिटी बिल का भुगतान क्रेडिट कार्ड से करता है तो उसे दो बार जीएसटी देना होगा.
महीने में भरना होगा केवल एक रिटर्न
लोगों में भ्रम है कि अब हर महीने 3 रिटर्न भरने होंगे, जबकि उन्हें केवल 1 रिटर्न भरना है जिसे 3 हिस्सों में बांटा गया है. पहला रिटर्न भरना है, बाकी कंप्यूटर जनरेट करेगा.