जब भारत के 100 जवानों ने 700 पाकिस्तानियों को चटाई धूल, मेजर सोमनाथ शर्मा ने बडगाम में दिलाई थी जीत

नई दिल्ली : भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव की स्थिति है और युद्ध की भी चर्चा है. पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने दोनों ही देशों में दूरी और ज्यादा बढ़ा दी है. भारत और पाकिस्तान के बीच दो बड़े युद्ध हुए और दोनों भारत के पक्ष में रहे. उसने पाकिस्तान को 1971 में हराया था. वहीं 1965 में समझौते पर युद्ध खत्म हुआ, लेकिन इससे पहले एक लड़ाई कश्मीर के लिए भी हुई थी. इसमें मेजर सोमनाथ शर्मा ने अहम भूमिका निभाई थी. भारत के 100 बहादुर जवान पाकिस्तान पर भारी पड़ गए थे.
दरअसल 1947 में कश्मीर रियासत ने भारत में विलय का फैसला किया. इससे पहले ही पाकिस्तान ने कबायली लड़ाकों के साथ कश्मीर में घुसपैठ शुरू कर दी थी. कश्मीर के विलय के बाद भारत ने उसकी मदद का फैसला किया. भारत की 4 कुमाऊं रेजिमेंट की डेल्टा कंपनी बडगाम में तैनात थी. इसकी कमान मेजर सोमनाथ शर्मा के हाथों में थी. भारत के करीब 100 जवानों ने पाकिस्तान के 700 जवानों की सेना का मुकाबला किया और युद्ध जीत लिया.
मेजर सोमनाथ शर्मा और भारत के जवानों ने पाकिस्तान की सैनिकों को श्रीनगर की तरफ बढ़ने से रोक दिया था. इस युद्ध में कई भारतीय सैनिकों ने जान गंवाई थी. मेजर सोमनाथ शर्मा को मरणोपरांत परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया था. मेजर शर्मा ने श्रीनगर के हेडक्वार्टर में युद्ध के दौरान एक आखिरी पैगाम दिया था. उन्होंने कहा था, ”दुश्मन सिर्फ 50 गज की दूरी पर खड़ा है और हमसे संख्या में बहुत ज्यादा है. हम भयंकर गोलीबारी से घिरे हैं, लेकिन वादा है कि एक इंच भी पीछे नहीं हटूंगा. आखिरी राउंड तक और आखिरी आदमी तक लड़ूंगा.”
भारत और पाकिस्तान के बीच एक बार फिर से युद्ध की चर्चा चल रही है. पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 पर्यटकों की जान चली गई थी. भारत ने इसके बाद कई सख्त फैसले लिए. उसने पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा पर प्रतिबंध लगा दिया है.