नई दिल्ली : छ: माह का होते ही सबसे पहले बच्चों के दूध के दांत या कच्चे दांत निकलने शुरू हो जाते हैं। इसके कुछ सालों बाद उन्हें पक्के दांत और दाढ़ निकलना शुरू होती है। जोकि बच्चों को खाना चबाने में मदद करती है।
जब बच्चों में यह पीछे के दांत या फिर दाढ़ निकलना शुरू होती है तो उन्हें शुरू के कुछ दिनों में काफी दर्द होता है, बाती हैं,वैशाली, गाजियाबाद, डेंटिस्ट डॉक्टर सोनम गुप्ता। जिससे वह पूरे घर को सिर पर उठाए रखते हैं। इस समय उन्हें दर्द से मुक्ति दिलाना काफी जरूरी होता है। तो आइए जानते हैं कि कैसे आप दांत निकलने के समय बच्चों को दर्द से छुटकारा दिला सकते हैं और इस समय कौन-कौन सी सावधानियां बरतनी चाहिएं।
बच्चों की दाढ़ निकलने के लक्षण और समय
बच्चों को पीछे की दो दाढ़ जब वह एक साल के या 16 महीने के होते हैं तब निकलती हैं और दूसरी जोड़ी जब वह 20 से 30 महीने के हो जाते हैं तब निकलती हैं। इस समय बच्चों को निम्न लक्षण देखने को मिल सकते हैं :
इस प्रक्रिया में से बच्चे चिड़चिड़े हो जाते हैं और रोने लग जाते हैं।
अधिक सेलाइवा के उत्पादन होने के कारण लार बहने लगती है।
हल्का फुल्का बुखार होना।
उंगलियों या कपड़ों को हर समय चबाते रहना जिससे उनकी जीभ अधिक काम करे।
दर्द की वजह से नींद अच्छी न आ पाना।
मसूड़ों का लाल होना और उनमें दर्द होना।
बच्चों को दर्द से कैसे राहत दिलाए?
जब बच्चों के दांत आते हैं तो कुछ बच्चों को ज्यादा दर्द नहीं होता। लेकिन कुछ बच्चों को काफी ज्यादा दर्द होता है और वह किसी भी समय रोने से चुप ही नहीं होते। इस स्थिति में आप उनके मसूड़ों को एक मुलायम कपड़े या साफ उंगली से मसल सकती हैं। उनके मसूड़ों पर एक ठंडी चम्मच रख सकती हैं। रबर की टीथिंग रिंग्स का प्रयोग कर सकती हैं।
बच्चे के मुंह को हर बार फीड करवा के अच्छे से पोंछ दें। ताकि उस स्थान पर बैक्टीरिया इक्कठे न हो पाएं और टूथ डीके या दांत टूटने जैसी स्थिति का सामना न करना पड़ सके। उनके दांतों को साफ करने के लिए एक बहुत सॉफ्ट ब्रश का प्रयोग करें और दांतों की सभी साइड में गोल गोल ब्रश घुमा कर उनके दांत साफ करें।
आगे और पीछे की दिशा में ब्रश न करें। ऐसा करने से उनके मसूड़ों में काफी दर्द हो सकता है।
अगर बच्चा तीन साल से कम उम्र का है तो टूथ पेस्ट केवल एक मटर या अनाज के दाने की मात्रा में ही ले। फ्लूरोइड टूथ पेस्ट इस स्थिति में अच्छा विकल्प रहेगा।
बच्चे के दांत आ रहे हैं तो इन चीजों को न दें
अगर आपके उन्हें निम्न चीजों को सेवन न करने दें।
अधिक मीठी चीजें खासकर जूस और चॉकलेट जैसे पैकेज फूड।
स्नैक्स या फिर सॉलिड फूड जो दांतों में चिपक सकते हैं।
उनका पहला दांत आने के बाद रात में उन्हें ज्यादा बार दूध न पिलाएं।
कुछ क्रीम्स, जेल और दर्द को कम करने वाली टॉपिकल दवाइयां भी उन्हें अधिक मात्रा में न दें।
दांत आने पर बच्चों को मसूड़ों में दर्द होना काफी आम है लेकिन आज की टिप्स का पालन करके आप उन्हें थोड़ी बहुत राहत दे सकती हैं। लेकिन अगर आपके बच्चे को इस समय डायरिया, रैशेज या तेज बुखार आदि जैसे लक्षण देखने को मिलते हैं तो आप को उन्हें डॉक्टर के पास लेकर जाना चाहिए।