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कब है अगहन माह का पहला प्रदोष? यहां जानें तिथि, मुहूर्त व उपाय

नई दिल्‍ली : मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाएगा. अगहन माह का पहला प्रदोष बहुत ही शुभ संयोग में आ रहा है, क्योंकि इस दिन सोमवार है. सोमवार और प्रदोष व्रत(Monday and Pradosh) दोनों ही भगवान शिव (Lord Shiva) की उपासना के लिए बहुत शुभ माने गए हैं. सोमवार का दिन होने से ये सोम प्रदोष व्रत कहलाएगा.प्रदोष व्रत को करने से सब प्रकार के दोष मिट जाता है.

अगहन माह का सोम प्रदोष व्रत 2022 डेट
हर माह दो प्रदोष व्रत आते हैं एक कृष्ण और दूसरा शुक्ल पक्ष में. मार्गशीर्ष माह का पहला प्रदोष व्रत 21 नवंबर 2022 को रखा जाएगा. मान्यता है कि प्रदोष के समय (संध्याकाल) महादेव कैलाश पर्वत के रजत भवन में नृत्य करते हैं और देवता उनकी आराधना करते हैं.

सोम प्रदोष व्रत 2022 मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 21 नवंबर 2022 को सुबह 10 बजकर 07 मिनट से शुरू होगा. त्रयोदशी तिथि की समाप्ति 22 नवंबर 2022 सुबह 08 बजकर 49 मिनट पर है.

पूजा का मुहूर्त – शाम 05:34 – शाम 08:14

सोम प्रदोष व्रत उपाय

शिव को प्रसन्न करने के लिए इस दिन प्रदोष काल में शंकर का अभिषेक पंचामृत से करें. मान्यता है इससे कुंडली में चंद्रमा से जुड़े सारे दोष दूर हो जाते हैं. नि:संतान दंपत्ति को इस दिन साथ मिलकर शिवलिंग पर जौ अर्पित करना चाहिए. कहते हैं ऐसा करने पर सुयोग्य संतान मिलती है. सूनी गोद जल्द भर जाती है.

इस दिन भोलेनाथ का घी से अभिषेक करें. शाम के समय शिव तांडव स्तोत्र का पाठ करना शुभ फल प्रदान करेगा. इससे आत्मबल और धन में वृद्धि होती हैं. अच्छे स्वास्थ का वरदान मिलता है.

सोम प्रदोष व्रत पूजा के लिए शिव व मां पार्वती की श्रृंगार की सामग्री, गाय का कच्चा दूध, मंदार पुष्प, पुष्प, पंच फल, पंच मेवा, कपूर, धूप, पंच रस, गन्ने का रस, बिल्वपत्र, इत्र, गंध रोली, पंच मिष्ठान्न, जौ की बालें, मौली जनेऊ, कुशासन, दही, शुद्ध देशी घी, शहद, दीप, रूई, मलयागिरी, गंगा जल, पवित्र जल, धतूरा, भांग, बेर, आम्र मंजरी, रत्न, दक्षिणा, चंदन

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