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प्रयागराज में कब से शुरू होगा माघ मेला ? जानें इसमें एक माह तक कल्पवास का महत्व

नई दिल्ली : संगम नगरी प्रयागराज में 6 जनवरी 2023 से माघ मेला आरंभ होने वाला है. यहां हर साल पौष पूर्णिमा से माघ मेला शुरू होता है जिसका समापना माघ पूर्णिमा के साथ संपन्न होता है. इसमें लोग गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम तट पर एक माह तक कल्पवास करते हैं. माघ मेला तीर्थ स्नान, दान, तप, के लिए बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है. कहा जाता है कि अगर कोई व्यक्ति तीर्थ या पवित्र स्थानों पर स्नान नहीं कर पाता है तो वो अपने घर पर गंगाजल से स्नान कर सकता है. आइए जानते हैं माघ माह में कल्पवास का महत्व और नियम.

माघ माह की शुरुआत 7 जनवरी 2023 शनिवार से होगी और इसका समापन 5 फरवरी 2023 को माघी पूर्णिमा पर होगा. पुराणों के अनुसार माघ माह “माध” अर्थात श्री कृष्ण के एक स्वरूप “माधव” से इसका गहरा नाता है. माघ महीने में कल्पवास, कृष्ण उपासना का विशेष महत्व है.

माघ मेला गंगा, यमुना और सरस्वती के पावन तट पर त्याग, तपस्या और वैराग्य का प्रतीक माना जाता है. कल्पवास का अर्थ है संगम के तट पर कुछ विशेष काल के लिए निवास कर सत्संग, नदी में स्नान और स्वाध्याय करना. प्राचीन काल से ही साधु और गृहस्थ लोगों के लिए माह महीने में कल्पवास करने की परंपरा चील आ रही है.

मान्यता है कि नियमपूर्वक कल्पवास करने वाला व्यक्ति जीवन की हर कणिनाइयों का समाधान खोजने में सक्षम हो जाता है. कल्पवास से साधक को मन और इंद्रियों पर नियंत्रण करने की शक्ति प्राप्त होती है. इससे व्यक्ति के सारे सांसारिक तनाव दूर हो जाते हैं और वह मृत्यु के बाद मोक्ष को प्राप्त होता है. एक मास के कल्पवास से एक कल्प (ब्रह्मा का एक दिन) का पुण्य मिलता है.

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