नई दिल्ली (विवेक ओझा): मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद रेलवे परिवहन में क्रांति लाने का खाका खींचा गया था और जापान की तर्ज़ पर देश में बुलेट ट्रेन चलाने की कल्पना को साकार करने की बात हुई है। कई कारणों जैसे भूमि अधिग्रहण, अवसंरचना, कोविड महामारी आदि के चलते इस प्रोजेक्ट को मूर्त रूप देने में काफी विलंब हो गया लेकिन देश की जनता को अब भी इस बात में दिलचस्पी है कि यह हाई स्पीड बुलेट ट्रेन कब तक तैयार होगा। विपक्षी दल भी इस मुद्दे पर केंद्र सरकार की टांग खिंचाई करते नज़र आते ही रहते हैं और खासकर कांग्रेस बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट की व्यवहार्यता पर तमाम सवाल खड़े करती है। इन सब स्थितियों को साफ करते हुए बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट के क्रियान्वयन स्तर की स्थिति को अब साफ किया गया है। भारत सरकार के रेलवे मिनिस्टर अश्विनी वैष्णव ने मुंबई अहमदाबाद हाई स्पीड रेल कॉरिडोर प्रोजेक्ट जिसे आम तौर पर बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट कहते हैं से जुड़ा एक अपडेट दिया है। इस प्रोजेक्ट के लिए जरूरी भूमि अधिग्रहण को पूरा कर लिया गया है। गुजरात, महाराष्ट्र, दादरा और नागर हवेली में इसके लिए भूमि अधिग्रहण कार्य को पूरा किया गया है।
दि नेशनल हाई स्पीड रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड( NHSRCL) इस प्रोजेक्ट की निगरानी कर रहा है। 1389.49 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण इस प्रोजेक्ट के लिए कर लिया गया है। इस प्रोजेक्ट में विलंब का एक प्रमुख कारण भूमि अधिग्रहण से जुड़ा विरोध भी था। यदि समय पर इस प्रोजेक्ट के लिए भूमि अधिग्रहण हो गया होता तो यह प्रोजेक्ट 2023 के अंत तक पूरा हो सकता था। इस प्रोजेक्ट के तहत बुलेट ट्रेन द्वारा कवर की गई दूरी 508.17 किमी है जिसमें से 155.76 किमी दूरी महाराष्ट्र, 384.04 किमी गुजरात और 4.3 किमी दादरा और नागर हवेली की तय होगी। बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट की कॉस्ट 1.08 लाख करोड़ रुपए है। मुंबई-अहमदाबाद रूट पर बुलेट ट्रेन की मैक्सिमम स्पीड 350 किमी/घंटा होगी। अभी मुंबई-अहमदाबाद के बीच नॉर्मल ट्रेन से दूरी 7-8 घंटे की है।
नेशनल हाई स्पीड रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड का कहना है कि मात्र 10 माह में गुजरात के वलसाड जिले में बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट के लिए 350 मीटर लंबा और 12.6 मीटर चौड़ा पहाड़ी सुरंग बना लिया गया है। इस प्रोजेक्ट से जुड़ी पहली स्टील ब्रिज जो 70 मीटर तक है गुजरात के सूरत में नेशनल हाईवे 53 के पास बना दी गई है। कुल 28 में से ऐसे 16 ब्रिजेज पूर्ण होने के अलग अलग चरण में हैं। इसी के साथ ही भारत के पहले 7 किमी लंबे अंडरसी रेल टनल जो 21 किमी लंबे सुरंग का भाग है , का निर्माण कार्य भी शुरू कर दिया गया है। मुंबई में 7 किमी का हिस्सा समुद्र के अंदर होगा। 25 किमी का रूट सुरंग से गुजरेगा। 13 किमी हिस्सा जमीन पर होगा। बुलेट ट्रेन 70 हाईवे, 21 नदियां पार करेगी। 173 बड़े और 201 छोटे ब्रिज बनेंगे।
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि अब 2026 तक इसके चालू होने की उम्मीद है। इस प्रोजेक्ट में भारत को जापान से मदद मिल रही है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के मुताबिक, सूरत से बिलिमोरा के बीच पहली बुलेट ट्रेन चलाने का टारगेट रखा गया है। ऐसा होते ही भारत 15 देशों के एलीट क्लब में शामिल हो जाएगा, जिनके पास हाईस्पीड ट्रेन नेटवर्क है।