उत्तर प्रदेशराज्यलखनऊ

आख़िर कब बनेगा घायल संजय सेतु? विधानसभा के सामने गूंजा सवाल

राहुल उपाध्याय

लखनऊ : प्रदेश में विकास के बड़े-बड़े दावों के बीच संजय सेतु (घाघरा पुल) आज भी बदहाली का शिकार है। इसी उपेक्षा के खिलाफ सामाजिक कार्यकर्ता संजीव सिंह राठौर ने विधानसभा भवन के सामने खड़े होकर बहराइच, गोंडा, श्रावस्ती और बलरामपुर की लाखों की आबादी का दर्द सत्ता के सामने रख दिया। हाथ में तख्ती लेकर उन्होंने तीखे शब्दों में सवाल किया— “जब सरकार हर ओर विकास का दावा कर रही है, तो आखिर घायल संजय सेतु का निर्माण कब होगा?

संजीव सिंह राठौर ने कहा कि यह पुल सिर्फ कंक्रीट का ढांचा नहीं, बल्कि चार जनपदों की सांसों की डोर है। आज हालात यह हैं कि हर गुजरता वाहन डर के साए में पुल पार करता है। जाम, हादसों का खतरा और एम्बुलेंस तक का घंटों फंसे रहना अब आम बात हो चुकी है। उन्होंने सवाल उठाया कि किसी बड़े हादसे की जिम्मेदारी कौन लेगा? आरोप लगाया कि वर्षों से नेता आते-जाते रहे, घोषणाएं हुईं, फाइलें चलीं, लेकिन ज़मीन पर काम आज भी अधूरा है। बार-बार ज्ञापन देने के बावजूद न तो निर्माण शुरू हुआ और न ही कोई स्पष्ट समय-सीमा तय की गई। यह स्थिति जनता के साथ सीधा विश्वासघात है।

संजीव सिंह राठौर ने कहा कि छात्रों का भविष्य, मरीजों की जिंदगी और व्यापारियों की रोजी-रोटी इस पुल से जुड़ी है, लेकिन जिम्मेदार जनप्रतिनिधि चुप्पी साधे हुए हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि जल्द ही संजय सेतु के निर्माण/पुनर्निर्माण की घोषणा कर समयबद्ध कार्य शुरू नहीं हुआ, तो जनता को साथ लेकर आंदोलन और तेज किया जाएगा। उन्होंने मांग की कि सरकार घायल संजय सेतु को चुनावी वादों से निकालकर जमीनी हकीकत में बदले, और इसकी स्पष्ट समय-सीमा सार्वजनिक करे, ताकि क्षेत्र की जनता को राहत मिल सके।

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