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सेहत के लिए क्यों जरुरी है रोना, जानते है पीछे की वजह

हंसना सेहत के लिए अच्छा होता है। अच्छी सेहत के लिए योग भी करते है। पर क्या आप जानते है रोना भी आपके सेहत के लिए फायदेमंद साबित होता है। मन हल्‍का महसूस करता है। आंसू के जरिये जो व्यक्ति के मन में होता है दुख का भरा गुबार, तनावबाहर निकल जाता है। जिस बात को हम कह नहीं सकते हैं है उसे आंशू के जरिये अपने दर्द को बयां कर देते है। और मन से जैसे बोझ उतर जाता है।

आंसुओं के जरिये मन का बोझ उतर जाता है:-

कई बार आपने महसूस किया होगा कि रोने के बाद मन को कुछ हल्‍का महसूस होता है। कई बार सुना भी होगा कि दुख के कई अवसरों पर लोग रो लेने को सही ठहराते हैं। वैज्ञानिकों द्वारा की गई एक स्टडी में यह बात सामने आई है कि जब मन काफी दुखी होता है तो आप रो पड़ते हैं और जब आप रोते हैं तो आंसुओं के जरिये मन का बोझ उतर जाता है और आपको हल्का महसूस होता है।

तनाव की स्थिति से बाहर निकल जाते हैं:-

जब मन पर कोई दबाव, कोई बोझ होता है तब रोना आता है। या फिर दिल में कुछ नकारात्‍मक विचार आ रहे हों। मगर जब हम रोते हैं तो हमारे अंदर भरे सारे नकारात्‍मक विचार आंसुओं के बहाने बाहर निकल जाते हैं। आप तनाव की स्थिति से बाहर निकल जाते हैं। पहले से ज्‍यादा अच्‍छा महसूस करते हैं।

हानिकारक तत्व बाहर निकल जाते हैं:-

हर वक्‍त रोते रहना तो सेहत के लिए खतरनाक है, लेकिन कभी-कभी रोना न सिर्फ तनाव से मुक्ति देता है, बल्कि इससे आंखों को भी कई फायदे पहुंचते हैं। लगातार बाहर निकलने से आंखों को धूल-मिट्टी और प्रदुषण का सामना भी करना पड़ता है। इस वजह से कई हानिकारक तत्व आंखों के पास जमा होने लगते हैं। मगर जब हम रोते हैं तो आंसुओं के साथ ये तत्व भी बाहर निकल जाते हैं। दरअसल, आंसुओं में लाइसोजाइम एंटी बैक्टेरियल और एंटी वायरल तत्‍व होते हैं। ऐसे में जब आंसू निकलते हैं, तो इनसे आंखें साफ हो जाती हैं।

आंसू इस चिकनाहट को बनाए रखते हैं:-

अक्‍सर आंखें सूखने लगती हैं। आंखों की मेमब्रेन की चिकनाहट कम होने लगती है और इसका असर हमारी आंखों की रोशनी पर पड़ता है। मगर आंखों से निकलने वाले आंसू इस चिकनाहट को बनाए रखते हैं। इससे आंखों में नमी बनी रहती है।

तनाव, दुख आंसुओं के जरिये बाहर निकता है:-

आंसुओं के जरिये अक्‍सर मन का तनाव कम होने से मन में भरा गुबार दूर हो जाता है और इंसान अंदर से कहीं ज्‍यादा मजबूत होता है। मतलब साफ है कि जो लोग ज्‍यादा भावुक होते हैं और अक्‍सर बातों पर रो देते हैं, वे अन्‍य लोगों के मुकाबले हालात का सामना ज्‍यादा मजबूती के साथ करते हैं। इसकी वजह यह है कि उनके अंदर का तनाव, दुख आंसुओं के जरिये बाहर निकल चुका होता है।

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