उत्तराखंडराजनीति

छोटे से उत्तराखंड को खास महत्व क्यों देते हैं पीएम मोदी ? समझें सियासी मायने…

देहरादून (गौरव ममगाईं)। 53.5 हजार किलोमीटर क्षेत्रफल वाला हिमालयी राज्य उत्तराखंड क्षेत्रफल की दृष्टि से तो काफी छोटा है, यहां लोकसभा की महज 5 सीटें ही हैं, लेकिन फिर भी क्या कारण है कि इस छोटे से राज्य को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सबसे ज्यादा महत्व दे रहे हैं।

  वैसे 9 नवंबर 2000 को उत्तराखंड राज्य अस्तित्व में आया था, तब केंद्र में प्रधानमंत्री रहे अटल बिहारी वाजपेयी को उत्तराखंड के निर्माण का श्रेय दिया गया था। तब से अब कई प्रधानमंत्री आये औऱ गये, लेकिन उत्तराखंड के विकास के लिए किसी ने कोई बड़ी पहल नहीं की। अब जाकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आये हैं, जिन्होंने उत्तराखंड को नई ऊंचाई पर ले जाने का बीड़ा उठाया है।

 वैसे तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का उत्तराखंड से विशेष आध्यात्मिक रिश्ता रहा है, इसके साथ ही अब ग्लोबल इन्वेस्टर समिट में उत्तराखंड में निवेशकों को रिकॉर्ड निवेश के लिए प्रेरित करके पीएम मोदी ने उत्तराखंड पुत्र बनकर प्रदेश के प्रति अपना विशेष कर्तव्य भी निभाया है। परंतु जब बात राजनीति के लिहाज से होती है तो उत्तराखंड के मायने कई ज्यादा बढ़ जाते हैं। विधानसभा चुनाव हो या फिर लोकसभा चुनाव, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस छोटे राज्य पर भाजपा का परचम लहराने के लिए जी-जान लगाते नजर आते हैं। आखिर क्या कारण है कि पीएम नरेंद्र मोदी इस मामूली क्षेत्रफल वाले राज्य में राजनीतिक वर्चस्व बनाये रखने के लिए बेहद गंभीर दिखते हैं। आइये जानते हैं छोटे से राज्य उत्तराखंड के क्या हैं सियासी मायनें…

नंबर 1-  भाजपा की ‘राजनीतिक गंगोत्री’ है उत्तराखंड

 वैसे तो मौजूदा समय में भाजपा की कुल 12 राज्यों में सरकारें हैं, इनमें उत्तराखंड, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, गुजरात, असम, त्रिपुरा, मणिपुर, अरूणाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ हैं, लेकिन 2022 में हिमाचल प्रदेश गंवाने के बाद अब उत्तराखंड ही भाजपा का सबसे उत्तरी राज्य बचा है। इस लिहाज से उत्तराखंड को भाजपा की राजनीतिक गंगोत्री का कहा जा सकता है। वहीं, भाजपा दक्षिण भारत में अपनी सरकार बनाने में सफल नहीं हो सकी है। एकमात्र राज्य कर्नाटक भी उसके हाथों से चला गया। अब भाजपा उत्तर भारत व मध्य भारत व पूर्वोत्तर राज्यों पर अपनी मजबूत पकड़ बनाये रखना चाहती है। इसी कड़ी में भाजपा किसी भी सूरत में उत्तराखंड में अपनी पकड़ को कमजोर होने नही देना चाहेगी।

नंबर 2- साधु-संतों का गढ़ है उत्तराखंडः

दूसरा प्रमुख कारण यह भी है कि उत्तराखंड देश के बड़े साधु-संतों का मुख्य स्थान है। यहां हरिद्वार, ऋषिकेश, रामझूला समेत अनेक क्षेत्रों में देश के सबसे प्रमुख साधु-संत रहते हैं। भाजपा के एजेंडे में हिंदुत्व व सनातन परंपरा का प्रचार एवं प्रसार प्रमुखता में होता है, यही कारण है कि साधु-संतों का भाजपा को समर्थन प्राप्त है। यहां से भाजपा द्वारा हिंदुत्व का संदेश देने का खास महत्व है।

नंबर 3-  सरकार की उपलब्धियों का देशभर में होता है बखानः

तीसरा मुख्य कारण यह भी है कि उत्तराखंड देश का प्रमुख पर्यटन स्थल है। यहां देशभर से सैलानी प्रकृति दर्शन, आध्यात्मिक, वन सैर, योग एवं आध्यात्म के लिए यहां पहुंचते हैं। यहां बिताया गया अच्छा समय को वह अच्छी यादों के रूप में अपने साथ हमेशा जीवित रखते हैं। इससे अनेक राज्यों से आये सैलानियों के मन में उत्तराखंड व उत्तराखंड सरकार के प्रति सकारात्मक भाव पैदा होता है। वे उत्तराखंड सरकार की सराहना भी करते हैं। वहीं, पर्यटन यात्रा के दौरान उन्हें सरकार की कई उपलब्धियों को जानने का मौका भी मिलता है।

कारण 4- देवभूमि का आध्यात्मिक महत्व है, और देव कृपा भी जरूरी

उत्तराखंड में केदारनाथ, बद्रीनाथ धाम, गंगोत्री व यमुनोत्री जैसे पवित्र धार्मिक स्थलों का होना साक्षात् देव कृपा का प्रमाण है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कई मौकों पर कह चुके हैं कि उत्तराखंड से उनका विशेष आध्यात्मिक रिश्ता रहा है। पीएम मोदी यह भी कह चुके हैं कि बाबा केदारनाथ की कृपा के कारण ही उन्हें सफलता मिल सकी है। पीएम मोदी मानते हैं कि उत्तराखंड में चुनाव जीतना बद्री-केदार के आशीर्वाद का नतीजा है। इसलिए यहां की जीत का आध्यात्मिक दृष्टि से विशेष महत्व है।

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पीएम मोदी के आते ही उत्तराखंड में भाजपा हुई मजबूत, कांग्रेस हाशिये पर

खास बात यह है कि 2014 में नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के समय उत्तराखंड में कांग्रेस की सरकार थी और यहां कांग्रेस काफी मजबूत स्थिति में थी, लेकिन 2014 के बाद से ही प्रदेश में कांग्रेस के बुरे दिन शुरू होते चले गये थे। 2016 में कांग्रेस विधायकों की बगावत कांग्रेस पार्टी के लिए सबसे बुरा अनुभव रहा। इस घटना के बाद से कांग्रेस का राज्य में पतन होना शुरू हुआ। कांग्रेस के बागी विधायकों ने भाजपा का दामन थाम लिया और अपनी विधानसभा सीटों पर भाजपा के टिकट से जीतकर पहली बार भाजपा का कमल खिलाया। कई सीटों पर कांग्रेस योग्य उम्मीदवारों को तरसती दिख रही है। वहीं, भाजपा चुनावों में कांग्रेस में चल रही गुटबाजी का भी जमकर लाभ उठाती रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हर साल उत्तराखंड में एक या दो यात्राएं जरूर करते हैं, जिससे प्रदेशवासियों व पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ उनका कनेक्शन बना रहता है। चुनावों के दौरान भी उत्तराखंड में पीएम मोदी विशेष चुनाव कैंपेन करते दिखते हैं।

   जाहिर है कि उत्तराखंड क्षेत्रफल की दृष्टि से भले ही छोटा हो, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए इस छोटे से दिखने वाले राज्य के राजनीतिक मायने बहुत बड़े हैं।

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