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स्वतंत्र भारत में एक भी राज्य में क्यों लागू नहीं हुआ यूसीसी ?

दस्तक ब्यूरो, देहरादून। समान नागरिक संहिता यानि यूसीसी, एक ऐसा विषय जिसे भारतीय संविधान में लोक कल्याण के लिए महत्वपूर्ण माना गया है, बावजूद इसके यूसीसी को लेकर देश में दशकों से विरोध की राजनीति ही होती आई है। आपको जानकर हैरानी होगी कि भारत में जिस यूसीसी को लेकर हो-हल्ला होता है, इस कानून को विश्व में कई मुस्लिम देशों ने भी लागू किया है। इनमें तुर्किये, बांग्लादेश, पाकिस्तान जैसे कट्टर मुस्लिम देश शामिल हैं।

 यही नहीं, अमेरिका, फ्रांस, आयरलैंड, रूस जैसे विकसित देशों ने भी इसे जरूरी मानते हुए लागू किया है। अब सवाल खड़ा होता है कि जब विश्व में कट्टर मुस्लिम देशों व विकसित पश्चिमी देशों में यूसीसी लागू हो सकता है तो भारत में ही इसका विरोध क्यों होता रहा है ?

क्या है डीपीएसपी का महत्त्व ? क्या-क्या विषय हैं शामिल ?

भारतीय संविधान के जानकारों के अनुसार, भारतीय संविधान के भाग-4 में राज्य के नीति-निर्देशक तत्वों (डायरेक्टिव प्रिंसिपल्स ऑफ स्टेट पॉलिसी) का वर्णन है, जिसे हम डीपीएसपी के नाम से भी जानते हैं। इसमें अनुच्छेद 36 से 51 तक कई महत्वपूर्ण विषय हैं। संविधान निर्माताओं ने इन विषयों को लोक कल्याणकारी राज्य की स्थापना हेतु शामिल किया था और राज्यों से अपेक्षा की गई थी वे इन विषयों को लागू करें। इन्हीं में आर्टिकल 44 में समान नागरिक संहिता का भी वर्णन है। इन्हीं में अन्य अनुच्छेदों में पंचायती राज, समान कार्य-समान वेतन, मातृत्व अवकाश, विशेष परिस्थिति में आर्थिक सहायता, पर्यावरण एवं वन्य-जीव संरक्षण जैसे महत्वपूर्ण विषय भी हैं। जो हर राज्यों में कानून का रूप भी ले चुके हैं। सिर्फ यूसीसी विषय की ही उपेक्षा होती रही है। यूसीसी को समुदाय विशेष के खिलाफ बताकर राजनीतिक दलों ने कई भ्रांतियां फैलाई, जो उचित नहीं है। यह दुर्भाग्य है कि संविधान निर्माताओं ने जिस लोक कल्याणकारी राज्य की कल्पना से संविधान में राज्य के नीति-निर्देशक तत्वों का निर्माण किया था, उन अपेक्षाओं के अनुरूप हम आज तक एक भी राज्य को स्थापित नहीं कर सके हैं।

उत्तराखंड रचेगा इतिहास, यूसीसी लागू करने वाला बनेगा पहला राज्य

  आपको बता दें कि यूसीसी को लागू करने जा रहे उत्तराखंड पर आज देशभर की निगाहें टिकी हुई हैं। उत्तराखंड की धामी सरकार विधानसभा में यूसीसी विधेयक को पेश कर चुकी है, जिस पर चर्चा चल रही है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी यूसीसी को न सिर्फ लोक कल्याण व महिला सशक्तीकरण, बल्कि अपराध नियंत्रण में भी क्रांतिकारी भूमिका में देख रहे हैं। 2022 में भाजपा की लगातार दूसरी सरकार बनने के बाद से ही सीएम धामी ने उत्तराखंड को यूसीसी जल्द सौंपने का संकल्प लिया था। उत्तराखंड में यूसीसी लागू होने के बाद यह देश का पहला राज्य बन जाएगा।

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