भारत में क्यों मनाया जाता है शिक्षक दिवस!
–प्रोफेसर भरत राज सिंह, महानिदेशक (तकनीकी)
स्कूल ऑफ मैनेजमेंट साइंसेज, लखनऊ
भारत में शिक्षक दिवस हर साल 5 सितंबर को मनाया जाता है, जो डॉ.सर्वपल्ली राधाकृष्णन, एक प्रसिद्ध दार्शनिक और शिक्षाविद् की जयंती को चिह्नित करता है। यह दिन शिक्षाविदों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह शिक्षकों के अथक प्रयासों और समर्पण को पहचानता है जो भविष्य की पीढ़ियों के दिमाग को आकार देते हैं। आज के तेजी से बदलते और तकनीकी दुनिया में, शिक्षक की भूमिका केवल ज्ञान देने से परे हो गई है। एक आधुनिक शिक्षक एक मेंटर, एक मार्गदर्शक और एक सुविधा प्रदाता है जो छात्रों में महत्वपूर्ण सोच, रचनात्मकता और समस्या-समाधान कौशल को बढ़ावा देता है। वे मूल्यों, नैतिकता और सामाजिक जिम्मेदारी को स्थापित करके व्यक्तियों के समग्र विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
शिक्षक दिवस इन भूमिकाओं के महत्व और शिक्षकों के छात्रों के जीवन पर प्रभाव की याद दिलाता है। यह अपने निस्वार्थ समर्पण और कठिन परिश्रम के लिए आभार और प्रशंसा व्यक्त करने का अवसर है। उपरोक्त उद्देश्यो के साथ स्कूल ऑफ़ मैनेजमेंट साइंसेस, लखनऊ परिसर में शिक्षक दिवस मनाया गया और सभी शिक्षकों व शहभागियो को मोमेंटो देकर श्री शरद सिँह, सचिव व मुख्य कार्यकारीअधिकारी द्वारा सम्मानित व प्रोत्साहित किया गया l इस अवसर पर निदेशक, डॉ. आशीष भटनागर, महानिदेशक, डॉ. भरत राज सिँह भी अपने अपने शिक्षा के महत्त्व पर उदगार ब्यक्त किये तथा डॉ. धर्मेन्द्र सिँह, सह निदेशक, डॉ. ओमप्रकाश, डॉ. पीके सिँह, डॉ. हेमंत कुमार सिँह, अधिष्ठाता के साथ साथ लगभग 200 शिक्षकों व कर्मचारियों ने प्रतिभाग किया।
हमें एक आधुनिक शिक्षक की भूमिका को इस प्रकार परिभाषित करना चाहिए
- सीखने के सुविधा प्रदाता: छात्रों को अनुभवी विधियों के माध्यम से खोज, खोज और सीखने के लिए प्रोत्साहित करना।
- मेंटर: छात्रों को चुनौतियों का सामना करने और अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने में मार्गदर्शन, समर्थन और प्रेरणा प्रदान करना।
- रोल मॉडल: छात्रों से अपेक्षित मूल्यों, नैतिकता और व्यवहार को अपनाना।
- जीवन भर सीखने वाले: अपने विषय क्षेत्र और शिक्षण कौशल में नवीनतम विकास के साथ अद्यतन रहने के लिए।
- परिवर्तन एजेंट: छात्रों को एक निरंतर बदलती दुनिया की जटिलताओं का सामना करने और सकारात्मक परिवर्तन को प्रेरित करने के लिए तैयार करना।