पंजाब

आर्ट एंड पेंटिंग व सस्कृत को खत्म क्यों कर रही पंजाब सरकार : प्रो. चावला

अमृतसर/: पूर्व मंत्री प्रो. लक्ष्मीकांता चावला ने एक पै्रस बयान में कहा कि शिक्षा मंत्री पंजाब क्या जानते हैं कि पंजाब में आर्ट एंड पेंटिंग अर्थात चित्रकला विषय को समाप्त करने का षड्यंत्र कामयाब हो गया है। जो भी आर्ट एंड पेंटिंग का अध्यापक, लैक्चरार सेवानिवृत्त होता है, उसकी जगह कोई नए आर्ट एंड पेंटिंग के लैक्चरार भर्ती नहीं किए जा रहे। जिला अमृतसर के कुछ स्कूल बहुत प्रसिद्ध थे, जहां से विद्यार्थी आर्ट एंड पेंटिंग की शिक्षा लेकर कमर्शियल काम से जुड़ते थे और बड़े-बड़े कारखानों में डिजाइनर के रूप में जाते थे।

प्रो. चावला ने कहा कि बारहवीं तक इस विषय में शिक्षा लेने के बाद ही विद्यार्थी फाइन आट्र्स में ग्रेजुएट स्तर की और पोस्ट ग्रेजुएट स्तर की डिग्री पा सकते हैं, जिसके लिए वे देश के बड़े—बड़े कालेजों में जाते हैं। पंजाब सरकार तो जड़ ही खत्म कर रही है। विद्यार्थियों के भविष्य का सोचा नहीं। इसी प्रकार पंजाब के स्कूलों में कुछ वर्ष पहले से तो संस्कृत का विषय ही गायब कर दिया। इससे पंजाब का कितना नुकसान हुआ शायद सरकारें नहीं जानतीं। जो बच्चे बारहवीं तक संस्कृत नहीं पढ़ेंगे, वे कालेज में संस्कृत कैसे पढ़ सकेंगे।

प्रो. चावला ने कहा कि इस तरह पंजाब से संस्कृत को खत्म करने का षड्यंत्र पिछली सरकारों ने किया है। वर्तमान सरकार का भी कोई ध्यान नहीं। शिक्षा मंत्री इस गंभीर विषय की ओर ध्यान दें और स्कूलों में संस्कृृत की शिक्षा का प्रबंध करें। चाहे इसे ऐच्छिक विषय ही रखा जाए। इसके साथ ही फाइन आट्र्स के अध्यापकों, लैक्चरारों के खाली पद भी भरें। हम अपने विद्यार्थियों को इस विषय में भविष्य बनाने से वंचित कर रहे हैं। यह बहुत बड़ा अपराध है।

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