भारत में 26 जनवरी को ही क्यों मनाते हैं गणतंत्र दिवस? जानें इसके पीछे का कारण
नई दिल्ली : 26 जनवरी को पूरे उत्साह औप हर्षोल्लास के साथ गणतंत्र दिवस मनाता है। यह दिन सभी भारतवासियों के लिए बेहद खास दिन होता है। सभी धर्मों, जाति और संप्रदाय के लोग आपसी बैर भूलकर एक साथ इस राष्ट्रीय पर्व को मनाते हैं। देश के इस खास दिन को और स्पेशल बनाने के लिए हर साल राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में इंडिया गेट से लेकर राष्ट्रपति भवन तक राजपथ पर विशाल परेड और रैली का आयोजन किया जाता है। इस दिन को याद करके कई बार आपके मन में यह सवाल उठता होगा कि आखिर 26 जनवरी को ही गणतंत्र दिवस क्यों मनाते हैं, किसी और दिन इसे सेलिब्रेट क्यों नहीं करते? तो आइए आपको बताते हैं इसके पीछे का बड़ा कारण।
आपको बता दें कि इस साल भारत अपना 73वां गणतंत्र दिवस मना रहा है. आज से 73 वर्ष पहले 1950 में 26 जनवरी को सुबह 10.18 मिनट पर संविधान लागू हुआ था, 26 जनवरी के ही दिन संविधान को लागू करने का एक और बड़ा कारण यह भी था कि 1930 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने भारत की पूरी तरह से आजादी का प्रस्ताव पारित किया था।
इतिहासकारों की मानें तो 1929 में भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की अध्यक्षता में नेशनल कांग्रेस ने ऐलान किया था कि अंग्रेजी सरकार 26 जनवरी 1930 तक भारत को डोमनियन स्टेट का दर्जा दे और इसी दिन पहली बार भारत में स्वतंत्रदा दिवस को मनाया गया था, बता दें कि आजादी मिलने से पहले 26 जनवरी को ही स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाते थे। पूर्ण स्वराज की मांग करने के बाद जब आजादी मिली तो बाद में 26 जनवरी 1950 को संविधान को लागू किया गया और इस दिन को गणतंत्र दिवस घोषित किया गया।