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गुरु पुष्य योग में खरीदारी को शुभ क्यों माना जाता है, जानें कारण

नई दिल्ली : अहोई अष्टमी को कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। इस वर्ष अहोई अष्टमी 24 अक्टूबर, गुरुवार को है। अहोई अष्टमी व्रत माता की लंबी आयु और व्रत के लिए रखा जाता है। इस व्रत को माताएं अपनी संतानों के लिए करती हैं। अहोई अष्टमी पर गुरु पुष्य योग का अद्भुत संयोग बन रहा है। गुरु पुष्य योग सुख-समृद्धि और वैभव वाला योग है। इस योग में खरीदारी या कोई भी नया काम शुरू करना शुभ माना जाता है।

गुरु पुष्य योग का महत्व, 27 नक्षत्रों में से एक महत्वपूर्ण नक्षत्र, शुभ कार्य के लिए बहुत ही खास माने जाते हैं। इस नक्षत्र के देवता बृहस्पति और स्वामी शनि हैं। ज्योतिष शास्त्र में पुष्य नक्षत्रों को विशेष महत्व दिया गया है और इसे कई शुभ कार्यों के लिए उत्तम नक्षत्र माना जाता है। रियाल गुरु पुष्य योग को खरीदारी, सोना, जमीन की कीमतें और नया बिजनेस शुरू करने के लिए बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है।

अहोई अष्टमी पर गुरु पुष्य योग का अद्भुत संयोग 24 अक्टूबर से पहले गुरु-पुष्य योग का शुभ संयोग बन रहा है। गुरुवार को अहोई अष्टमी है। वहीं, 24 अक्टूबर, गुरु-पुष्य योग सुबह 06:15 बजे से शुरू होकर अगले दिन 25 अक्टूबर सुबह 07:40 बजे तक रहेगा। गुरु पुष्य योग को खरीदने और नए सामानों की शुरुआत के लिए बहुत शुभ उत्सव माना जा रहा है। सबसे खास बात यह है कि इस दिन सर्वार्थ सिद्धि और अमृत सिद्धि योग भी बन रहा है।

गुरु नक्षत्रों के देवता बृहस्पति और शनि हैं स्वामी पुष्य नक्षत्रों के देवता बृहस्पति देव हैं। वहीं शनिदेव इस नक्षत्र के प्रतिनिधि दिशा माने जाते हैं। बृहस्पति को शुभता, ज्ञान और भव्यता का प्रतीक माना जाता है। वहीं शनि स्थिरता के कारक हैं। इसी कारण इन दोनों के प्रभाव से पुष्य नक्षत्र शुभ और चिरस्थायी हो जाते हैं। इस दिन की शुरुआत हुई काम बहुत ही शुभ माना जाता है, जो लंबे समय तक रहता है।

गुरु पुष्य योग में सोना, वाहन, जमीन खरीददारों को शुभ माना जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार गुरु पुष्य योग में सोना, चांदी, रत्न और आभूषण खरीदने वालों को शुभ माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि सोने को शुद्ध, पवित्र और अक्षय धातु के रूप में माना जाता है, ऐसे में सोने से जीवन में सुख-समृद्धि में स्थिरता बनी रहती है। साथ ही इस योग में जमीन-जायदाद, घर, वाहन खरीदने वाले भी शुभ माने जाते हैं। गुरु पुष्य योग में निकाली गई वस्तुएं अक्षय मणियां बनती हैं। इस कारण खरीदारी के लिए गुरु पुष्य योग सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है।

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