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नूंह में फिर क्यों बढ़ गई टेंशन, 4 दिन तक इंटरनेट भी होगा बैन; क्या है हिंदुओं का प्लान

नूंह : 31 जुलाई की सांप्रदायिक हिंसा के बाद तनावग्रस्त नूंह में एक बार फिर प्रशासन की चिंता बढ़ गई है। विश्व हिंदू परिषद (विहिप) सावन के आखिरी सोमवार 28 अगस्त को अधूरी रह गई बृजमंडल यात्रा को पूरी करने का ऐलान किया है। नूंह जिले में तनाव और जी-20 सम्मेलन को देखते हुए प्रशासन की तरफ से अनुमति नहीं देने की बात कही गई है। विहिप के राष्ट्रीय संयुक्त महामंत्री सुरेंद्र जैन का कहना है कि 28 अगस्त को नूंह में दल-बल के साथ हर हाल में बृजमंडल यात्रा निकाली जाएगी। नूंह प्रशासन को सुझाव दिया है कि अगर प्रशासन चाहे तो वह यात्रा में लोगों की संख्या और यात्रा का स्वरूप बदलने के लिए तैयार हैं, लेकिन यात्रा हर हाल में ही होगी।

अनुमति नहीं मांगी गई नूंह में विश्व हिंदू परिषद के जिला संयोजक देवेंद्र सिंह ने कहा कि नलहरेश्वर मंदिर में जलाभिषेक के लिए किसी के अनुमति की जरूरत नहीं है। जब हमने किसी अनुमति के लिए आवदेन ही नहीं किया तो प्रशासन की ओर से उसे रद्द करने का सवाल ही नहीं उठता। विहिप के सदस्य 28 अगस्त को सावन के आखिरी सोमवार को नलहड़, फिरोजपुर झिरका और पुन्हाना के सिंगार मंदिर में जलाभिषेक कर अधूरी रह गई यात्रा का समापन करेंगे।

जिले में 28 अगस्त को प्रस्तावित बृजमंडल यात्रा को लेकर उपायुक्त धीरेंद्र खडगटा ने हरियाणा के गृह मंत्रालय से 25 अगस्त से 29 अगस्त तक जिले में इंटरनेट सेवा बंद करवाने की सिफारिश की है। उपायुक्त ने शुक्रवार को इस बाबत एक पत्र गृह मंत्रालय के अतिरिक्त मुख्य सचिव को लिखा है। उपायुक्त का कहना है कि उपरोक्त यात्रा निकालने की अनुमति नहीं दी गई है। इंटरनेट सेवा बंद करवाने के रूप में केवल एहतियाती कदम उठाए जा रहे हैं। ताकि अफवाहों को रोका जा सके। गौरतलब है कि हिन्दू संगठनों ने 31 जुलाई को हिंसा होने की वजह से अधूरी रही यात्रा को पूरी करने के लिए 28 अगस्त को दोबारा निकालने का ऐलान 13 अगस्त को हुई सर्वजातीय महापंचायत में किया था।

नूंह हिंसा को लेकर शहर में शुक्रवार को खुले की बजाया मस्जिदों में पढ़ी गई। शुक्रवार को पुलिस कड़ी सुरक्षा के बीच राजीव चौक और सदर बाजार मस्जिद में समुदाय लोग पहुंच कर जुमे की नमाज पढ़ी। खुले में पढ़ने वाले समुदाय के लोगों ने घरों में नमाज अदा की। सेक्टर-29 के लेजरवैली पार्किंग एरिया के चारों तरफ पुलिस बल तैनात रहा है। जमीयल उलमा गुरुग्राम के अध्यक्ष मुफ्ती मोहम्मद सलीम कासमी ने कहा कि शहर में शांति के माहौल को लेकर खुले में जुमे की नमाज पर रोक लगी है। मस्जिदों में जितनी क्षमता है, उतने ही समुदाय के लोग नमाज के लिए आए। बाकी लोग घरों में नमाज पढ़ी है। उन्होंने कहा कि शांति का माहौल होने से घर जाने वाले अब काम धंधे पर लौटने लगे है।

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