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मुक्केबाजी कार्यबल से क्यों निराश है दिग्गज मुक्केबाज एमसी मैरीकॉम

स्पोर्ट्स डेस्क : टोक्यो ओलंपिक में छह बार की विश्व विजेता मुक्केबाज एमसी मैरीकॉम ने अपने फ्लाईवेट (51 किग्रा) प्री क्वार्टर फाइनल में ‘खराब’ फैसलों के लिए अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) के मुक्केबाजी कार्यबल को जिम्मेदार करार दिया. दरअसल उन्हें तीन में से दो राउंड जीतने के बावजूद हार मिली.

आईओसी द्वारा अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाजी संघ (एआईबीए) के कथित कुशासन और वित्तीय गड़बड़ी के लिए बैन करने के बाद कार्यबल ही टोक्यो में मुक्केबाजी टूर्नामेंट आयोजित कर रहा है. मैरीकॉम ने कोलंबिया की इंग्रिट वालेंसिया से प्री क्वार्टर फाइनल में हार के बाद टोक्यो से एक समाचार एजेंसी से फोन पर इंटरव्यू में बोला, मैं नहीं जानती और इस फैसले को नहीं समझ सकती, कार्यबल के साथ क्या गड़बड़ है? आईओसी के साथ क्या गड़बड़ है?’

उन्होंने बोला कि, मैं भी कार्यबल की एक मेंबर थी. मैं साफ सुथरी प्रतियोगिता सुनिश्चित करने के लिए उन्हें सुझाव भी दे रही थी और उनका सहयोग भी कर रही थी. लेकिन, उन्होंने मेरे साथ क्या किया?’ उन्होंने बोला कि, मैं रिंग के अंदर भी खुश थी, जब मैं बाहर आई, तब भी मैं खुश थी क्योंकि मेरे दिमाग में था कि मैं जानती थी कि मैं जीत गई थी.

जब वो मुझे डोपिंग के लिए ले गए तो भी मैं खुश थी. जब मैंने सोशल मीडिया में देखा और मेरे कोच (छोटे लाल यादव ने मुझे दोहराकर बताया) तो मुझे अहसास हुआ कि मैं हार गई थी. मैरीकॉम के अनुसार, मैंने पहले इस मुक्केबाज को दो बार हराया है. मैं विश्वास ही नहीं कर सकी कि रेफरी ने उसका हाथ उठाया था.

कसम खाती हूं कि मुझे अहसास ही नहीं हुआ कि मैं हार गई थी, मुझे इतना भरोसा था. उन्होंने बोला कि, सबसे खराब बात है कि फैसले की समीक्षा या विरोध नहीं दर्ज करा सकते. उन्होंने बोला कि, मुझे दूसरे राउंड में सर्वसम्मति से जीतना चाहिए था, तो ये 3-2 कैसे था?’ आईओसी के मुक्केबाजी कार्यबल ने इस बार ज्यादा पारदर्शिता वाले फैसलों का वादा किया था, क्योंकि एमेच्योर मुक्केबाजी की 2016 रियो ओलंपिक में गलत फैसलों की आलोचना हुई थी. जिसके बाद 36 अधिकारी निलंबित हुए थे.

मैरीकॉम मुक्केबाजी कार्यबल की 10 सदस्यीय एथलीट ग्रुप का हिस्सा हैं. वो पैनल में एशियाई ब्लॉक का प्रतिनिधित्व करती हैं जिसमें यूक्रेन के दो बार के ओलंपिक और विश्व स्वर्ण पदक विजेता महान मुक्केबाज वासिल लामाचेंको (यूरोप) और पांच बार के विश्व विजेता और 2016 ओलंपिक के स्वर्ण पदक विजेता जूलियो सीजर ला क्रूज (अमेरिका) भी हैं.

मैरीकॉम ने बोला कि, एक मिनट या एक सेकेंड के अंदर एक एथलीट का सब कुछ खत्म हो ता है. जो हुआ वो दुर्भाग्यपूर्ण है. मैं जजों के फैसले से निराश हूं. मैरीकॉम खेल को अलविदा बोलने के मूड में नहीं हैं, उनका ओलंपिक का सफर टोक्यो सेशन में ही खत्म हुआ है. उन्होंने बोला कि, मैं ब्रेक लूंगी, परिवार के साथ समय बिताऊंगी. मैं खेल नहीं छोड़ रही हूं. अगर कोई टूर्नामेंट होता है तो मैं जारी रखूंगी और अपना भाग्य आजमाऊंगी.

बोला जा रहा है कि मैरीकॉम इसलिए हारी क्योंकि कोलंबियाई प्रतिद्वंद्वी को विभाजित फैसले का फायदा हुआ. विश्व विजेता मैरीकॉम को लग रहा था कि वो जीत गई है, जब फैसला आया तो उनके पक्ष में नहीं रहा. दरअसल ये एक चीज अहम ये है कि 2 जजों ने इंग्रिट के पक्ष में फैसला दिया, दो जज भारतीय मुक्केबाज के साथ गए. उनकी हार भारत के लिए झटका है क्योंकि वो पदक की दावेदार मानी जा रही थी.

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