स्पोर्ट्स डेस्क : भारत के लिए टोक्यो ओलंपिक में कुश्ती में सिल्वर मेडल जीतने वाले पहलवान रवि दहिया अपने प्रदर्शन से संतुष्ट नहीं है. रवि ने बोला कि वो टोक्यो सिल्वर मेडल के लिए नहीं गए थे और पेरिस ओलंपिक में अपने गोल्ड मेडल जीतने के सपने को पूरा करेंगे. भारतीय पहलवान ने रूस के प्लेयर को कड़ी टक्कर दी,
इससे मुझे संतुष्टि नहीं मिलेगी. मैं जो चाहता था, वो हासिल नहीं कर सका. उनकी शैली अच्छी थी. मैं अपने हिसाब से कुश्ती नहीं लड़ सका. उसने बहुत चतुरता से कुश्ती लड़ी. रवि के पिता राकेश ने उन्हें यहां तक पहुंचाने के लिए काफी बलिदान दिए. वो अभी भी परिवार को चलाने के लिए पट्टे पर लिए गए खेतों पर काम करते हैं.
हरियाणा सरकार ने उनके लिए चार करोड़ रुपये के नकद पुरस्कार का ऐलान किया है और दहिया ने बोला कि वो सिर्फ पैसे के बारे में नहीं सोच रहे थे और उनका ध्यान सिर्फ ओलंपिक गोल्ड मेडल जीतने पर था. रवि से इस पर बोला कि, उन्हें काम करने में खुशी मिलती है. ये उन पर निर्भर है कि वो आराम चाहते हैं या नहीं.
मैं उन पर किसी तरह का दबाव नहीं बनाऊंगा. मेरे गांव ने तीन ओलंपियन दिए हैं और वो मूलभूत सुविधाओं का हकदार है. मैं नहीं बता सकता कि पहले क्या चाहिए. गांव को हर चीज की आवश्यकता है. हर चीज महत्वपूर्ण है चाहे वो अच्छे स्कूल हों या खेल सुविधाएं.