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क्या ग्लोबल संकट के बीच RBI देगा राहत? बजट के बाद पहली MPC बैठक

नई दिल्ली : ग्लोबल संकट के बीच भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की एमपीसी बैठक के नतीजे अब से कुछ ही देर में आने वाले हैं और केंद्रीय बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास सुबह 10 बजे बजट के बाद के बाद हो रही पहली बैठक के नतीजों का ऐलान करेंगे. उनकी घोषणा के बाद ही साफ हो जाएगा कि आपके होम-ऑटो लोन की ईएमआई में इजाफा होने वाला है या फिर आपका बोझ कम होगा. जी हां, बस कुछ देर बाद आरबीआई गवर्नर रेपो रेट को लेकर घोषणा करने वाले हैं.

मोदी 3.0 के पहले बजट के पेश होने के बाद आरबीआई की ये पहली एमपीसी बैठक है, जो बीते 6 अगस्त को शुरू हुई थी और आज इसका आखिरी दिन है. रिजर्व बैंक की इस बैठक पर पूरे देश की निगाहें टिकी होती हैं, खास तौर पर लोन लेने वालों की, दरअसल Repo Rate सीधे तौर पर लोन की ईएमआई पर असर डालता है. रेपो रेट बढ़ने पर तमाम बैंक लोन की ब्याज दरों में इजाफा करते हैं और इसके घटने पर इंटरेस्ट रेट कम करने का कदम उठाते हैं. ऐसे में इसका असर आपकी जेब से भरी जाने वाली EMI पर दिखाई देता है. फिलहाल, काफी समय से Repo Rate 6.5 फीसदी पर बरकरार रखा गया है.

आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास सुबह 10 बजे के करीब कमेटी के फैसलों की घोषणा करेंगे. बैठक शुरू होने के साथ ही इसमें रेपो रेट को लेकर होने वाले बदलावों पर एक्सपर्ट्स की ओर से अनुमान जाहिर किए जाने लगे थे. रिपोर्ट्स की मानें तो देश में मौजूदा महंगाई दर के आंकड़ों को देखकर एक्सपर्ट्स ये उम्मीद जता रहे हैं कि केंद्रीय बैंक इस बार भी रेपो रेट को यथावत रख सकता है यानी इस बार भी Repo Rate में कोई बदलाव देखने को मिलने की उम्मीद कम ही है.

एमके ग्लोबल के अर्थशास्त्रियों की मानें तो भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की 6 सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति द्वारा रेपो दर में कटौती करने की संभावना नहीं है. उन्होंने कहा कि केंद्रीय बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास की अगुवाई वाली समिति खाद्य मुद्रास्फीति (Food Inflation) में टिकाऊ गिरावट का इंतजार करने का रास्ता चुन सकती है. इसके साथ ही अर्थशास्त्रियों का मानना है कि ओपन मार्केट ऑपरेशन (OMO) की बिक्री चल रही है, भारत की वृद्धि अभी भी मजबूत है और मौजूदा वित्तीय स्थितियां ढीली हैं जो आज यथास्थिति की मांग करती नजर आ रही है.

भारत में महंगाई दर अभी भी RBI के तय दायरे के ऊपर बना हुआ है. जून में खुदरा महंगाई दर चार महीनों के उच्च स्तर 5.08 प्रतिशत पर थी. जब तक खुदरा महंगाई दर नीचे नहीं आती है तब तक रेपो रेट में कटौती की कोई संभावना कम ही है. गौरतलब है कि भारतीय रिजर्व बैंक ने आखिरी बार फरवरी, 2023 में रेपो रेट में बदलाव करते हुए इसे बढ़ाकर 6.5 फीसदी कर दिया था. इसके बाद से आरबीआई ने लगातार 7 बार इसमें किसी तरह का कोई बदलाव नहीं किया है.

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