यूपी को नया मुख्य सचिव मिलेगा या मौजूदा मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ही कुर्सी को संभालेंगे
लखनऊ : यूपी को नया मुख्य सचिव मिलेगा या मौजूदा मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ही राज्य की सबसे बड़ी प्रशासनिक कुर्सी को संभालेंगे, इसे लेकर असमंजस बना हुआ है। रविवार को दुर्गा शंकर का कार्यकाल समाप्त हो रहा है। हालांकि, अभी तक सेवा विस्तार को लेकर को लेकर केंद्र से कोई पत्र राज्य सरकार को नहीं भेजा गया है। शुक्रवार की शाम तक दुर्गा शंकर दिल्ली में ही थे। वे वहां मुख्य सचिवों की कॉन्फ्रेंस में हिस्सा लेने के लिए गए हुए हैं। इस बीच चर्चा है कि कार्यकाल न बढ़ने की स्थिति में दिल्ली में केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर तैनात 1988 बैच की एक महिला अधिकारी को मुख्य सचिव की जिम्मेदारी दी जा सकती है।
चर्चा है कि हाल में इन महिला अधिकारी ने प्रधानमंत्री से मुलाकात भी की थी। महिला अधिकारी का कार्यकाल जून, 2024 तक है। इसके अलावा मुख्य सचिव की रेस में 1988 बैच के IAS अफसर भी हैं। इनमें मौजूदा APC और IIDC मनोज कुमार सिंह का नाम भी शामिल है। इसके अलावा केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर दिल्ली में तैनात 1987 बैच के अरुण सिंघल भी शामिल हैं। दुर्गा शंकर के बाद सिंघल यूपी कैडर के सबसे सीनियर IAS अफसर हैं। उनका रिटायरमेंट अप्रैल, 2025 में है।
दुर्गा शंकर को सेवा विस्तार न मिलने और किसी अन्य अधिकारी के नाम पर सहमति न बनने की स्थिति में प्रदेश में एक बार फिर कार्यवाहक मुख्य सचिव की तैनाती की जा सकती है। इसकी भी संभावनाएं जताई जा रही हैं। इससे पहले अनूप चंद्र पांडे के रिटायरमेंट के बाद राजेंद्र कुमार तिवारी को करीब 6 महीने तक कार्यवाहक मुख्य सचिव बनाया गया था।
किसी भी अधिकारी का कार्यकाल बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार द्वारा राज्य सरकार से पहले विजिलेंस क्लीयरेंस मांगा जाता है। सूत्रों के मुताबिक, इस बार अभी तक दुर्गा शंकर का क्लीयरेंस नहीं गया है। शासन के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक पिछली बार जब दुर्गा शंकर का कार्यकाल बढ़ा था, तब एक दिन पहले राज्य सरकार की तरफ से विजिलेंस क्लीयरेंस स्टेट प्लेन से भेजा गया था। मौजूदा मुख्य सचिव का कार्यकाल न बढ़ने की स्थिति में चर्चा है कि वह सियासी पारी शुरू कर सकते हैं। पूर्वांचल की ब्राह्मण बहुल लोकसभा सीट से उन्हें उम्मीदवार बनाया जा सकता है। हालांकि इसको लेकर स्थिति 31 दिसंबर के बाद ही साफ होगी।