नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव की आहट के साथ ही पश्चिम बंगाल में दल-बदल का खेला शुरू हो गया है. बुधवार को टीएमसी विधायक तापस रॉय बीजेपी में शामिल हुए थे. इसके 24 घंटे के अंदर गुरुवार को महिला दिवस पर गुरुवार को टीएमसी की रैली में रानाघाट दक्षिण से बीजेपी विधायक मुकुमणि अधिकारी ने सबको चौंका दिया. मुकुटमणि अधिकारी तृणमूल में शामिल हो गये. वह जुलूस में अभिषेक बनर्जी के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलते नजर आए.
लोकसभा चुनाव से पहले मुकुट अधिकारी का टीएसमी में शामिल होना काफी अहम है, क्योंकि उनका केंद्र मतुआ बाहुल्य है. हाल ही में वकील कौस्ताब बागची कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गये थे. इसके बाद दो दशक तक तृणमूल के सिपाही रहे बारानगर के प्रतिनिधि तापस रॉय ने पार्टी छोड़ दी. बीजेपी नेता शुभेंदु अधिकारी ने कहा था कि 7 तारीख को पार्टी में बड़ी ज्वाइनिंग होगी. कलकत्ता हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश अभिजीत गंगोपाध्याय गुरुवार को बीजेपी में शामिल हो गए.
कुछ समय पहले तक वह कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायाधीश थे. उन्होंने न्यायाधीश पद से इस्तीफा दे दिया है. 10 मार्च को को तृणमूल की ब्रिगेड में सभा है. तृणमूल कांग्रेस की ओर से दावा किया जा रहा है कि बीजेपी और भी विधायक टीएसमी में शामिल होंगे. मुकुटमणि रानाघाट से लोकसभा टिकट पाने की उम्मीद कर रहे थे. ये तय हो गया था कि मुकुटमणि 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के उम्मीदवार होंगे. उस समय वह एक सरकारी अस्पताल में कार्यरत थे, लेकिन राज्य सरकार ने उन्हें उम्मीदवार बनने की इजाजत नहीं दी. इसके बाद उन्होंने नौकरी छोड़ दी और विधानसभा चुनाव में उम्मीदवार बन गये.
रानाघाट भी दक्षिण से जीत गये. उनके खेमे को लगा कि वह इस बार भी रानाघाट में बीजेपी के लोकसभा उम्मीदवार होंगे, लेकिन बीजेपी ने फिर से जगन्नाथ सरकार को टिकट दे दिया. रानाघाट की राजनीति में जगन्नाथ और मुकुट्टमणि के बीच झगड़ा जगजाहिर है. भाजपा काउंसिल पार्टी के सूत्रों के मुताबिक उम्मीदवार नहीं बन पाने के कारण वह तृणमूल में शामिल हो रहे हैं. हालांकि पिछले विधानसभा चुनाव में उन्होंने 77 सीटें जीती थीं, लेकिन उपचुनाव में उन्हें तीन सीटें गंवानी पड़ीं. इसके अलावा पांच विधायक भाजपा छोड़कर तृणमूल में शामिल हो गये थे.