मुंबई: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की विशेष अदालत ने शनिवार को 2008 के मालेगांव विस्फोट मामले में एक गवाह के मुकरने की बात कही है। गवाह ने इससे पहले महाराष्ट्र आतंकवाद निरोधी दस्ते (एटीएस) को एक बयान दिया था। आपको बता दें कि इस मामले की जांच एनआईए को सौंपे जाने से पहले एटीएस कर रहा था। 2008 में गवाह ने एटीएस को बयान दिया था कि उसने पचमढ़ी के एक शिविर में लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित का व्याख्यान सुना था।
एटीएस को दिए अपने बयान में उसने यह भी बताया था कि वह अक्टूबर 2008 में उस शिविर में शामिल हुआ था जहां लेफ्टिनेंट कर्नल पुरोहित ने आतंकवाद पर व्याख्यान दिया था और विस्तार से चर्चा की थी कि पाकिस्तान भारत के खिलाफ साजिश कर रहा है। इस कैंप का आयोजन मालेगांव 2008 ब्लास्ट के कुछ दिनों बाद किया गया था।
शनिवार को जब यह गवाह विशेष एनआईए अदालत के समक्ष पेश हो रहा था तो उसने 2008 में एटीएस को ऐसा कोई बयान देने से इनकार कर दिया। विशेष लोक अभियोजक अविनाश रसाल के ज्यादातर सवालों के जवाब में उसने जवाब दिया कि उसे नहीं पता। बाद में विशेष एनआईए अदालत ने उसे ‘मुकरा हुआ’ गवाह घोषित किया। 29 सितंबर, 2008 को उत्तरी महाराष्ट्र के एक कस्बे मालेगांव में एक मस्जिद के पास एक मोटरसाइकिल में बंधा एक विस्फोटक फट जाने से छह लोगों की मौत हो गई और 100 से अधिक घायल हो गए।