मध्य प्रदेशराज्य

मुख्यमंत्री के गृह ग्राम जैत की महिलाओं ने किया कमाल

भोपाल: मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के गृह ग्राम जैत की कुशल और दक्ष महिलाओं ने कस्टम हायरिंग सेंटर यानि किराये पर कृषि यंत्र देने के केंद्र को शुरू कर प्रदेश की स्व-सहायता समूह की महिलाओं को आत्म-निर्भरता का नया पाठ पढ़ाया है। मुख्यमंत्री चौहान का संकल्प भी यही है कि महिलाएँ सशक्त हो और घर-परिवार के साथ अपने प्रदेश और देश के विकास में सहभागी हो। मुख्यमंत्री चौहान अपने हर सार्वजनिक कार्यक्रम में महिलाओं की आत्म-निर्भरता के लिए टिप्स भी देते है और सरकार की योजनाओं का लाभ भी सुनिश्चित करवाते है। ऐसी ही कहानी है मुख्यमंत्री जी के विधानसभा क्षेत्र बुधनी के ग्राम जैत की, जहाँ कृषि विभाग और गंगा आजीविका समूह की दीदियों ने आत्म-निर्भरता की नई इबारत लिखी है।

कहानी कुछ यूं है कि सीहोर जिले में अनेक आर्थिक गतिविधियाँ संचालित करने वाली महिला स्व-सहायता समूह की महिलाएँ अब कस्टम हायरिंग सेंटर संचालित कर नया आयाम स्थापित करने जा रही है। जिले में महिलाओं की कुशलता और दक्षता के दृष्टिगत कृषि विभाग द्वारा बुधनी तहसील के ग्राम जैत की गंगा आजीविका महिला स्व-सहायता समूह को कस्टम हायरिंग सेंटर चलाने का‍जिम्मा सौंपा है। कृषि विभाग ने स्व-सहायता समूह को ट्रैक्टर, रोटावेटर, कल्टीवेटर एवं अन्य कृषि उपकरण प्रदान किए गए है, जिन्हें वे किराये पर चलाएंगी।

समूह द्वारा चलाए जा रहे इस कस्टम हायरिंग सेंटर से क्षेत्र के लघु एवं सीमांत किसानों को रियायती दर पर किराये से कृषि उपकरणों की उपलब्धता आसानी से होगी। समूह द्वारा हकाई 800 रूपए, जुताई 800 रूपए, गहरी जुताई 900 रूपए, बोनी 800 रूपए तथा रोटावेटर 1000 रूपए प्रति घंटा निर्धारित किया गया है। कस्टम हायरिंग सेंटर से एक ओर स्व-सहायता समूह को आमदानी प्राप्त होगी, वहीं दूसरी ओर इन उपकरणों को चलाने वाले व्यक्तियों को रोजगार भी मिलेगा। समूह की रानू केवट, राजमणी केवट सहित अन्य महिलाओं ने बताया कि आमदानी का एक अतिरिक्त साधन प्राप्त होने से उनकी आर्थिक स्थिति सुदृढ़ होगी। उन्होंने कहा कि इस नए कार्य से हम अत्यधिक उत्साहित है और हमारी कोशिश होगी कि हम किसानों को त्वरित एवं बेहतर सेवाएँ दें। वर्तमान में गंगा आजीविका समूह के साथ जिले के 27 महिला स्व-सहायता समूह द्वारा सफलतापूर्वक रबी फसल उपार्जन का कार्य भी किया जा रहा है। किसानो ने भी महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा किए जा रहे उपार्जन कार्य की सराहना की है।

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