उत्तर प्रदेशलखनऊ

मनरेगा में बढ़नी चाहिए महिलाओं की भागीदारी : केशव मौर्य

लखनऊ : उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने ग्राम्य विकास विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि मनरेगा में समस्त ग्राम पंचायतों में लक्षित महिला मेटों की तैनाती सुनिश्चित करने के गंभीर, सकारात्मक व सार्थक प्रयास किए जाएं। इस कार्य को अभियान चलाकर पूरा किया जाए। सभी खण्ड विकास अधिकारी, ग्राम पंचायत विकास अधिकारी, ग्राम विकास अधिकारी व रोजगार सेवक इस कार्य को शीघ्र से शीघ्र पूरा कराएं। यूपीएसआरएलएम (उत्तर प्रदेश ग्रामीण आजीविका मिशन) की ब्लॉक लेवल की यूनिट से महिला मेटों की तैनाती होती है। इससे जहां महिलाओं को रोजगार मिलेगा, वहीं महिला सशक्तिकरण और महिला स्वावलंबन को बढ़ावा भी मिलेगा। इसमें उन्हें पूरे साल काम मिल सकेगा। केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि जो अधिकारी, कर्मचारी महिला मेटों के चयन में लापरवाही बरतेंगे, उनके विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी।

कैंप कार्यालय में मनरेगा के क्रियान्वयन को लेकर बैठक को संबोधित करते हुए उप मुख्यमंत्री ने मनरेगा सेल के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वह अन्य राज्यों की मनरेगा मजदूरी, श्रम विभाग द्वारा निर्धारित मजदूरी व अन्य बड़ी संस्थाओं द्वारा दी जा रही मजदूरी का समावेश करते हुये मनरेगा में श्रमिकों के पारिश्रमिक को बढ़ाने का प्लान बनाएं। ग्रामीण विकास मंत्रालय के अधिकारियों के साथ बैठक आयोजित की जाए। मनरेगा में कृषकों की आय बढाने के लिए अधिकाधिक कृषि कार्यों को समावेश करने का प्लान बनाया जाए। फसलों की कटाई, मड़ाई, झीलों, तालाबों से जलकुंभी हटाने जैसे कार्य भी मनरेगा के तहत कराने का प्राविधान हो जाय तो इससे ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को व्यापक लाभ मिलेगा। मनरेगा में 264 तरह के कार्य होते हैं। इसमें और कार्यों का समावेश करने की योजना बनाई जाए। मनरेगा के तहत और क्या-क्या अभिनव व ग्रामोन्मुखी कार्य हो सकते हैं, इसके लिए बड़ी व प्रख्यात संस्थाओं से रिसर्च कराकर उनका अभिमत लिया जा सकता है।

कहा कि विलुप्तता की कगार पर पहुंच चुकी नदियों के तल की सफाई करने का प्लान बनाया जाए। मनरेगा के कच्चे कार्यों से निकलने वाली मिट्टी के सदुपयोग की कार्य योजना बनाई जाए। यह मिट्टी ग्राम पंचायत बेच सकेगी। स्थानीय लोगों, टाइल्स बनाने वाले, सड़कों के लिए मिट्टी व अन्य कार्यों के लिए लोग मिट्टी लेंगे तो ग्राम पंचायत की आय बढ़ेगी और ईंटों के रेट में भी गिरावट आयेगी। मौर्य ने कहा कि लघु -सीमांत किसानों को मनरेगा में कार्य करने का प्रावधान करने की योजना बनाई जाए। खेत -तालाब व प्लांटेशन में बड़े किसानों को काम करने की व्यवस्था करने की योजना मनरेगा में बनाई जाए। खेत -तालाब से जहां मछली पालन को भी बढ़ावा मिलेगा, वहीं वाटर रिचार्जिग में भी सुविधा होगी। बड़े किसानों को प्लान्टेशन कराने का लाभ मिलेगा। पर्यावरण संरक्षण व संवर्धन में बहुत बड़ा लाभ होगा।

Related Articles

Back to top button