नीदरलैंड में कानूनी अधिकार बना वर्क फ्रॉम होम
नई दिल्ली: कोविड महामारी के दौर में देशों में एक नई प्रवृत्ति देखी गई । दुनिया भर की प्राइवेट कंपनियों , सरकारी दफ्तरों , कॉरपोरेट बिजनेस ऑफिसों ने अपने कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम की सुविधा दी जिससे कोविड संक्रमण को रोका जा सके और लोग सुरक्षित तरीके से अपनी आजीविका चला सकें।
हाल ही में वर्क फ्रॉम होम से जुड़ी एक बड़ी ख़बर आई है । नीदरलैंड में वर्क फ्रॉम होम को लीगल राइट यानी कानूनी अधिकार घोषित कर दिया गया है। इसे डच संसद से मंजूरी मिल चुकी है, जिसे जल्द ही डच सीनेट से मंजूरी मिलने की उम्मीद है।
नीदरलैंड में रहने वाले भारतीय समुदाय के लोग इस बात से काफी खुश हैं कि अब यहां वर्क फ्रॉम होम या फिर रिमोट वर्क के कॉन्सेप्ट को कानूनी अधिकार के दायरे में शामिल कर लिया गया है। तकरीबन 2.40 लाख प्रवासी भारतीय/ भारतीय मूल के लोग नीदरलैंड में रहते हैं। इनमें ज़्यादातर सूचना व प्रौद्योगिकी क्षेत्र में कार्यरत हैं।
दरअसल, ढाई साल पहले वैश्विक स्तर पर शुरू हुए कोविड काल में वर्क फ़्रॉम होम का अभ्यास कई कंपनियों को यह सोचने पर मजबूर कर चुका है कि अगर कर्मचारी दफ़्तर नहीं आकर भी पूरी ईमानदारी के साथ अच्छा काम कर रहे हैं और उनका प्रदर्शन भी बेहतर हो रहा है। ऐसे में क्यों उनके दफ़्तर आने को अनिवार्य बनाया जाए। यह कंपनियों के लिए घाटे का सौदा नहीं है। वहीं कर्मचारी भी इस तरह ज़्यादा संतुष्ट हैं।