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भारत में कामकाजी उम्र की जनसंख्या लगातार बढ़ रही, 2030 तक 1 अरब के पार होगी भारत की कामकाजी जनसंख्या

नई दिल्ली : भारत में कामकाजी उम्र की जनसंख्या लगातार बढ़ रही है और यह अगले जनगणना में लगभग 64.4 प्रतिशत तक पहुंचने की उम्मीद है। एसबीआई रिसर्च की रिपोर्ट के अनुसार, यह दर 2031 तक बढ़कर 65.2 प्रतिशत हो सकती है। रिपोर्ट में बताया गया है कि 15 से 59 वर्ष के आयु वर्ग की जनसंख्या, जिसे कामकाजी उम्र की श्रेणी में गिना जाता है, 1991 में 55.4 प्रतिशत थी, जो 2001 में 56.9 प्रतिशत और 2021 में 60.7 प्रतिशत हो गई। हालांकि, वार्षिक जनसंख्या वृद्धि दर में गिरावट देखी जा रही है। 1971 में यह दर 2.20 प्रतिशत थी जो 2024 में 1.00 प्रतिशत तक गिरने की संभावना है, जिससे 2024 में भारत की जनसंख्या 138 से 142 करोड़ के बीच हो सकती है। एसबीआई की रिपोर्ट की मानें तो 2030 तक कामकाजी लोगों की जनसंख्या 1 अरब हो जाएगी। इन आंकड़ों से साफ जाहिर होता है कि आने वाले दिनों में और नौकरियों की जरूरत पड़ने वाली है।

राज्यवार जनसंख्या वृद्धि के आंकड़ों से पता चलता है कि दक्षिणी राज्यों, विशेष रूप से तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में जनसंख्या वृद्धि की दर में गिरावट आएगी, जबकि उत्तर और पूर्वी राज्यों जैसे उत्तर प्रदेश और बिहार इस वृद्धि का नेतृत्व करेंगे। इन क्षेत्रों की जनसंख्या का कुल हिस्सेदारी 52 प्रतिशत तक पहुंचने की संभावना है। लंबे समय से विलंबित जनगणना की प्रक्रिया को पूरा करने के लिए प्रशासनिक तैयारियां चल रही हैं। भारत में आखिरी जनगणना 2011 में हुई थी और अगली जनगणना 2021 में होनी थी, लेकिन कोविड-19 महामारी के कारण इसे टाल दिया गया। जनगणना से महत्वपूर्ण सामाजिक-आर्थिक और जनसांख्यिकी आंकड़े प्राप्त होते हैं, जो नीति निर्माताओं के लिए बेहद उपयोगी होते हैं।

एसबीआई रिसर्च की रिपोर्ट के अनुसार, 2024 में 0 से 14 वर्ष के बच्चों की जनसंख्या का अनुपात 24.3 प्रतिशत होगा, जबकि 2011 में यह 30.9 प्रतिशत था। वहीं बुजुर्गों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है, जो 2024 में 10.7 प्रतिशत होगी और 2031 तक यह आंकड़ा 13.1 प्रतिशत तक पहुंच सकता है। रिपोर्ट में बताया गया है कि आगामी दशक में वैश्विक कार्यबल में 25 प्रतिशत का योगदान भारत से होगा। 2030 तक, भारत की कामकाजी उम्र की जनसंख्या 100 करोड़ से अधिक हो सकती है। इसके विपरीत, विकसित देशों में जनसंख्या तेजी से बूढ़ी हो रही है। भारत की औसत आयु 2021 में 24 वर्ष थी, जो 2023-24 तक 28-29 वर्ष तक पहुंचने की उम्मीद है।

भारत में शहरीकरण भी तेजी से हो रहा है। 2011 की जनगणना के अनुसार, भारत की शहरी जनसंख्या 31.1 प्रतिशत थी, जो 2024 में बढ़कर 35-37 प्रतिशत तक हो सकती है। रिपोर्ट के अनुसार, 2024 की जनगणना में भारत में एक करोड़ से अधिक जनसंख्या वाले शहरों की संख्या 75-80 तक हो सकती है, जो 2011 में 52 थी। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि भारत में 60 वर्ष से अधिक उम्र की जनसंख्या लगातार बढ़ रही है। 1991 में यह 7.3 प्रतिशत थी, जो 2024 की जनगणना में 10.7 प्रतिशत तक पहुंचने की संभावना है।

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