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विश्व कैंसर दिवस आज: जागरूकता होगी तो मिलेगी कैंसर को मात

भोपाल। देश भर में जहां हर दसवें भारतीय को कैंसर होने की संभावना है । कैंसर के बारे में कहा जाता है कि जानकारी ही बचाव है। जितना अधिक कैंसर के लक्षणों, रोकने के उपायों और बचाव संबंधी अन्य बातों की जानकारी लोगों को होगी लोग शुरुआती समय में ही कैंसर को मात देने में सफल हो पाएंगे। चिकित्सकों की मानें तो यदि कैंसर को शुरू में ही पहचान लिया जाए तो इलाज संभव है और उसके बाद एक स्वस्थ जीवन भी जिया जा सकता है। प्रत्येक व्यक्ति फिर चाहे वह बड़ा हो या छोटा उस तक कैंसर के बचाव, इलाज, आहार व अन्य सुविधाओं की जानकारी पहुंचाने के लिए ही विश्व कैंसर दिवस-2022 की थीम – क्लोज द केयर गैप रखी गई है।

इसका अर्थ है कि लोगों और कैंसर की हर तरह की जानकारी के बीच के गैप को कम करना है। शहर के भी कुछ लोग निरंतर कैंसर के बारे में लोगो को जागरूक करने का प्रयास कर रहे हैं जिससे कैंसर की लड़ाई को जीता जा सके। विश्व स्वास्थ्य संगठन की पहल पर वर्ष 1993 में पहली बार कैंसर दिवस जिनेवा, स्विटजरलैंड में मनाया गया। तबसे अब तक हर साल कैंसर दिवस पर नई थीम जारी की जाती है और पूरे साल इसी थीम पर आधारित कार्यक्रम किए जाते हैं। इसका एक ही उद्देश्य है कि आम लोगों को कैंसर के खतरों के बारे में, लक्षणों व बचाव के विषय में जागरूक किया जा सके। कैंसर को लेकर कई भ्रांतियां भी होती हैं जैसे कैंसर छूने से फैलता है इस तरह की भ्रांतियों को भी विश्व कैंसर दिवस के माध्यम से दूर करने की कोशिशें निरंतर जारी हैं। दुनिया भर में यह संदेश देना है कि कैंसर के मरीजों से भेदभाव नहीं बल्कि उन्हें प्यार और उचित देखभाल देकर उनके दर्द को दूर करने में सभी सहभागी बनें।

कैंसर कई तरह के होते हैं इसलिए अलग-अलग कैंसर की अपनी अलग परेशानियां होती हैं लेकिन कुछ लक्षण हैं जो सामान्यत: सभी तरह के कैंसर की शुरुआती में नजर आते हैं जैसे- शरीर के किसी भी हिस्से में लंबे समय तक दर्द बना रहना। लंबे समय से खांसी का आना। खांसी के साथ बलगम और खून आना। मूत्राशय या पेशाब से जुड़ी दिक्कतों का बना रहना। महिलाओं को मीनोपाज के बाद जांच कराते रहना चाहिए। मीनोपाज के बाद ब्लीडिंग होना सामान्य नहीं है। बिना किसी कारण वजन का कम होना। लगातार थकान बने रहना। अच्छा आहार लेने के बाद भी थकान बनी रहना।भूख कम लगना। किसी घाव का जल्दी ठीक न होना। कैंसर से बचाव और बीमारी के दोरान विटामिन और मिनरल्स से युक्त आहार आवश्यक है। एंटीआक्सीडेंट जरूर शामिल करें। गाजर, कद्दू, पपीता, हरे पत्तेदार सबि्जयां, नट्स और बीज का सेवन कर सकते हैं।

मछली, अंडे, कम वसा वाले डेयरी प्रोडक्ट, मेवे, मसूर की दाल, सोयाबीन का उपयोग किया जा सकता है। ब्रोकली और कीवी खासतौर पर खाना चाहिए। शरीर में पानी की कमी न होने दें नियमित पानी पिएं। कैंसर रोग विशेषज्ञ, मेडिकल कालेज जबलपुर के डा. श्यामजी रावत के अनुसार, कैंसर के लिए जितनी जागरूकता होना चाहिए अभी भी उसका स्तर कम है। लोग कैंसर के बारे में बात नहीं करना चाहते। लोगों का कहना रहता है कि उन्हें थोड़ी होगा। अच्छी बात है कि कम से कम लोगों को कैंसर हो लेकिन जागरूकता बहुत जरूरी है। शुरुआती लक्षणों को यदि पहचान लिया जाए तो बेहतर इलाज देकर कैंसर को ठीक किया जा सकता है। इसके साथ ही लोगों की मानसिकता है कि जबलपुर में अच्छा इलाज नहीं है। ऐसा नहीं है। कैंसर के लिए जबलपुर मेडिकल कालेज में अच्छी यूनिट है जहां हर तरह की सुविधा है। इसलिए एक दम से बाहर न भागें, शहर में भी बेहतर इलाज मिल सकता है।

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