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ब्रेस्‍टफीडिंग करवाने वाली महिलाओं के लिए योग बहुत ज्‍यादा लाभकारी

नई दिल्ली : ब्रेस्‍टफीडिंग यानि स्‍तनपान करवाना मां और बच्‍चे दोनों के लिए फायदेमंद होता है। ब्रेस्‍टफीडिंग से जहां बच्‍चे को भरपूर पोषण मिल पाता है, वहीं मां को भी कई बीमारियों से बचाव पाने में मदद मिलती है। ब्रेस्‍टफीडिंग मदर को अपनी सेहत का बहुत ख्‍याल रखना पड़ता है क्‍योंकि कुछ महीनों तक बेबी के लिए पोषण और आहार का एकमात्र जरिया मां का दूध ही होता है। ब्रेस्‍टफीडिंग मदर जितनी हेल्‍दी होगी, उनका मिल्‍क भी बच्‍चे को उतना ही ज्‍यादा फायदा पहुंचा पाएगा।

ब्रेस्‍टफीडिंग करवाने वाली महिलाओं के लिए योग बहुत ज्‍यादा लाभकारी होता है। दिनभर शिशु को गोद में उठाए रखने की वजह से पीठ पर दबाव पड सकता है इसलिए योग की मदद से पोस्‍चर को सुधारा जा सकता है और शरीर को लचीला बनाने के साथ-साथ संपूर्ण सेहत में सुधार लाने का काम किया जा सकता है।

ऐसे कई योगासन हैं जो ब्रेस्‍टफीडिंग करवाने के पीरियड में आपकी सेहत का ख्‍याल रख सकते हैं। हालांकि, डिलीवरी के बाद कोई भी एक्टिविटी शुरू करने से पहले अपने डॉक्‍टर से जरूर पूछ लें।

योग एक तरह का हल्‍का व्‍यायाम है जो फिट रखता है, हार्ट रेट में सुधार करता है, मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य को बेहतर करता है, एनर्जी बढ़ाता है, स्‍ट्रेस को कम करता है, वजन को कंट्रोल में रखता है, हड्डियों को स्‍वस्‍थ रखता है और डिलीवरी के बाद होने वाले डिप्रेशन को कंट्रोल करने में मदद करता है।

​मार्जरी आसन
डिलीवरी के बाद और ब्रेस्‍टफीडिंग के समय मार्जरी आसन करने से रीढ़ की हड्डी को आराम मिलता है, कलाई मजबूत होती है, पेट के अंग जैसे कि किडनी और एड्रेनल ग्‍लैंड उत्तेजित होते हैं, गर्दन स्‍ट्रेच होती है और मासिक धर्म की ऐंठन से राहत मिलती है।

​अधोमुख श्‍वानासन
इस आसन को करने से शरीर के ऊपरी हिस्‍से की मांसपेशियां टोन होती हैं, छाती की मांसपेशियों को मजबूती मिलती है और फेफड़ों की क्षमता बेहतर होती है, बांह, कंधों, टांगों और पैरों को मजबूती मिलती है।

​सेतुबंधासन
इस आसन से पीठ की मांसपेशियों को मजबूती मिलती है, पीठ को आराम मिलता है, छाती, गर्दन और रीढ़ की हड्डी में स्‍ट्रेच आता है, मस्तिष्‍क को आराम मिलता है जिससे एंग्‍जायटी, स्‍ट्रेस और डिप्रेशन दूर होता है, फेफड़ें खुलते हैं, थायराइड की प्रॉब्‍लम नहीं होती, पाचन में सुधार होता है।

ताड़ासन
यह आसन ब्रेस्‍टफीडिंग मदर्स के कूल्‍हों, जांघों, कंधों और पीठ के ऊपरी हिस्‍से को स्‍ट्रेच करता है। इससे शरीर में संतुलन आता है, पिंडलियों को मजबूती मिलती है, साइटिका और रूमेटिज्‍म का दर्द कम होता है।

​ऊर्ध्व मुख श्वानासन
इस आसन को करने से पीठ को मजबूती मिलती है, पीठ दर्द कम होता है, कलाई और बांहों को मजबूती मिलती है, पोस्‍चर ठीक होता है और पेट के अंग उत्तेजित होते हैं।

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